वोट का अधिकार मिलने पर ही फेवोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा

नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।
सबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
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इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।

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इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।
का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।
सबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।

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इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
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इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।

का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।

सबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।वोट का अधिकार मिलने पर ही फेसबुक-इंस्टा चलाएं बच्चे, सोशल मीडिया यूज पर हाई कोर्ट ने कहा
नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया एक्सेस को लेकर एक उम्र तय की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वोट का अधिकार मिलने पर ही बच्चे सोशल मीडिया (फेसबुक-इंस्टा) का इस्तेमाल करें या फिर इसकी उम्र 21 साल तय कर देनी चाहिए। जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की बेंच ने कहा कि बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर अगर पाबंदी लगती है तो यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि कर्नाटक ॥ष्ट ने खासकर स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए ये बातें कहीं। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट की यह बेंच एक्स कॉर्प (पहले ट्विटर इंक) द्वारा दायर एक रिट अपील पर सुनवाई कर रही थी।
इस दौरान जस्टिस जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने कहा स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के इतने आदी हो गए हैं कि उनके लिए सोशल मीडिया को बैन कर देना चाहिए। यह देश के लिए अच्छा होगा। बता दें कि स्कूली बच्चों के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल अच्छा नहीं है। बच्चे इसका ज्यादातर इस्तेमाल टाइम पास करने के लिए करते हैं। इसके बाद उन्हेंपढऩे लिखने में मन नहीं लगता है। वो मौका पाकर केवल फेसबुक, इंस्टा चलाते रहते हैं। पढऩे में उनकी दिलचस्पी कम होने लगती है। वो हर वक्त अपने हाथों में मोबाइल रखना चाहते हैं। वैसे भी आजकल के बच्चों के हाथों में एंड्रॉयड मोबाइल रहता है। हर बच्चों का ये हाल नहीं है। कुछ बच्चे इसका इस्तेमाल महज इंटरटेनमेंट के लिए करते हैं। मगर सच है कि अधिकतर बच्चे सोशल मीडिया के आदि हो चुके हैं।

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