भागवत के बयान पर पांचजन्य में लेख पर घमासान

सपा ने साधा संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना

संघ के मुख पत्र के संपादकीय में लिखा लेख

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य में भागवत के बयान पर संपादकीय को सियासी बवाल मचा है। सपा ने जहां इसका स्वागत किया वहीं यह भी कहा है मोहन भागवगत भागवत को अपने मानस पुत्र भाजपा को भी समझानी चाहिए। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के मुखपक्ष पाञ्चजन्य में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर मस्जिद को लेकर दिए बयान का समर्थन किया गया है। समाजवादी पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया भी दी।
हम आपको बता दें कि संपादकीय में कहा गया है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणी समाज से एक समझदारी भरा रुख अपनाने का स्पष्ट आह्वान है। संपादकीय ने इस मुद्दे पर अनावश्यक बहस और भ्रामक प्रचार के प्रति भी आगाह किया है। हम आपको याद दिला दें कि उन्नीस दिसंबर को पुणे में सहजीवन व्याख्यानमाला में भारत विश्वगुरु विषय पर व्याख्यान देते हुए भागवत ने समावेशी समाज की वकालत की और कहा था कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि भारत सद्भाव के साथ रह सकता है। अब आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के संपादक हितेश शंकर के 28 दिसंबर के संपादकीय में कहा गया है, आरएसएस प्रमुख मोहनराव भागवत के मंदिरों पर दिए गए हालिया बयान के बाद मीडिया जगत में घमासान (वाकयुद्ध) छिड़ गया है। या यूं कहें कि यह जानबूझकर किया जा रहा है। एक स्पष्ट बयान के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं। हर दिन नई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतिक्रियाओं में स्वत:स्फूर्त सामाजिक राय के बजाय सोशल मीडिया विशेषज्ञों द्वारा उत्पन्न किया गया कोहराम और उन्माद अधिक दिखाई देता है।

राजनीतिक लाभ के लिए मंदिर का इस्तेमाल कतई स्वीकार्य नहीं

संपादकीय में कहा गया कि मंदिर हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए उनका इस्तेमाल कतई स्वीकार्य नहीं है। आज के दौर में मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर अनावश्यक बहस और भ्रामक दुष्प्रचार को बढ़ावा देना चिंताजनक प्रवृत्ति है। सोशल मीडिया ने इस प्रवृत्ति को और तेज कर दिया है। संपादकीय के अनुसार, खुद को सामाजिक कहने वाले कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया मंचों पर स्वयंभू रक्षक और विचारक बन बैठे हैं। ऐसे अविवेकी विचारकों से दूर रहने की जरूरत है जो समाज के भावनात्मक मुद्दों पर जनभावनाओं का इस्तेमाल करते हैं।” संपादकीय में कहा गया है कि भारत एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति का नाम है, जिसने हजारों वर्षों से न केवल अनेकता में एकता के दर्शन का प्रचार किया, बल्कि उसे जीया और आत्मसात भी किया।

अपने मानस पुत्रों को समझाएं मोहन भागवत : उदयवीर सिंह

सपा नेता उदयवीर सिंह ने सवाल किया जो ये विवाद पैदा कर रहे हैं और नए-नए मुद्दे उठा रहे है वो वैचारिक रूप से उन्ही से जुड़े हुए हैं. फिर उनके कहने पर भी ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में मोहन भागवत के मानस पुत्रों की ही सरकार है, जो लोग विवाद पैदा कर रहे हैं नए-नए मुद्दे उठा रहे हैं वो वैचारिक रूप से उन्हीं से जुड़े हुए लोग हैं उन सबके कहने के बावजूद यह क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि देश में कानून बना है इसके खिलाफ और स्पष्ट है कि 1947 के पहले जो स्थिति थी वही बनी रहेगी इसके बावजूद ऐसा हो रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मोहन भागवत को अपने मानस पुत्रों को समझना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी और उनके अनुवांशिक संगठन और उनके सारे लोग तरह-तरह के प्रयोग करते रहते हैं। उदयवीर सिंह ने कहा कि ये लोग एक हाथ से विवाद भी पैदा करते रहते हैं दूसरे हाथ से और विवादों से नाराज होने वाले लोगों को समझने सुलझाने और उनको मैनेज करने के लिए तरीके का बयान भी देते रहते हैं। यह एक वैचारिक और कानूनी विषय है.। इस पर स्पष्ट रूप से भाजपा को एक लाइन लेनी चाहिए और स्पष्ट रूप से जो लोग कर रहे हैं उसको बंद करना चाहिए।

कलयुगी बेटे ने मां और चार बहनों की कर दी हत्या

लखनऊ में नए साल के पहले दिन घटी दर्दनाक घटना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल की मौके पर एक बड़ी घटना घट गई है। नए साल के मौके पर राजस्थानी लखनऊ में पांच लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में सभी महिलाएं हैं। आरोपी ने जिन लोगों को मारा है उसमें उसकी मां और चार बहनें शामिल है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरा लखनऊ शहर दहल गया है। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक थाना नाका क्षेत्र स्थित होटल शरणजीत में आरोपी अरशद (उम्र 24 वर्ष) ने अपने परिवार के पांच महिलाओं की हत्या करती है। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने अपनी मां अस्मा समेत बहन आलिया (उम्र 9 वर्ष), अल्शिया (उम्र 19 वर्ष), अक्सा (उम्र 16 वर्ष) और रहमीन (उम्र 18 वर्ष) को मौत के घाट उतार दिया है। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस घटना स्थल पहुंची। पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है।

मजबूरी में ये कदम उठाया : असद

मेरा नाम असद है… आज बस्ती वालों की वजह से मजबूरी में हमने ये कदम उठाया। अपने हाथों से मां और बहन को मारा है। इसके जिम्मेदार बस्ती वाले हैं। हमारा घर इन लोगों ने छीनने के लिए न जाने कितने-कितने जुल्म किए। हमने आवाज उठाई तो हमारी किसी ने नहीं सुनी। 10-15 दिन हो गए, सर्दी में भटकते हुए। योगी जी से ये निवेदन है कि इन जैसे मुसलमानों को नहीं छोड़ें, पूरी बस्ती मौत की जिम्मेदार है। मौत के जिम्मेदार रानू उर्फ आफताब अहमद, अलीम खान, सलीम खान, ड्राइवर, अहमद, अजहर और उसके और रिश्तेदार हैं, जो लड़कियों को बेचते हैं। इन लोगों का प्लान था कि हम लोगों को जेल पहुंचाकर हमारी बहनों को बेचेंगे। हम ये नहीं चाहते थे।

आरोपी ने सीएम से किया निवेदन

पीएम मोदी, सीएम योगी जी…हर मुसलमान एकसा नहीं होता है। हिंदुस्तान के अंदर फिर किसी परिवार को ऐसा नहीं करना पड़े। जीते जी नहीं तो मरने के बाद इंसाफ दे दीजिए। आप सच्चे हिंदू और ठाकुर हैं। तो मेरे घर में मंदिर बनना चाहिए। बाप के साथ मिलकर बहनों को मारा है। उसने आगे कहा कि न जाने कितने गरीब लोगों की बेटियां इन लोगों ने उठाकर बेच दीं। बस्ती वालों ने चौकी अपने हाथ में ले रखी है। पुलिसकर्मियों को पैसा देकर बच जाते हैं।

लोगों के अधिकारों के लिए पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा: ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस का 26वां स्थापना दिवस मना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को अपना 26वां स्थापना दिवस मनाया। पार्टी की स्थापना एक जनवरी 1998 को हुई थी। इस अवसर पर टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के लोगों के अधिकारों के लिए पार्टी का संघर्ष जारी है और भविष्य में भी जारी रहेगा।
ममता बनर्जी ने फेसबुक पर लिखा, सबसे पहले मैं आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। इसके साथ ही आज हमारी पार्टी का स्थापना दिवस भी है। इस वर्ष के स्थापना दिवस के अवसर पर मैं आपके साथ अपना लिखा और संगीतबद्ध किया एक गीत साझा कर रही हूं। यह गीत प्रसिद्ध गायक इंद्रनील सेन ने गाया है। बंगाल के लोगों के अधिकारों के लिए हमारा संघर्ष जारी है और आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। जय हिंद! जय बांग्ला! वंदे मातरम! तृणमूल कांग्रेस जिंदाबाद! मां-माटी-मानुष जिंदाबाद।। टीएमसी के राष्टï्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने लिखा, टीएमसी देश और राज्य के लोगों के कल्याण के लिए समर्पित है। मैं सभी टीएमसी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और बलिदान को सलाम करता हूं। वे हमारी पार्टी की रीढ़ हैं। नए साल में, आइए भविष्य के संघर्षों के लिए नए जोश के साथ तैयारी करें। 1998 में स्थापित टीएमसी 2011 में वाम मोर्चा सरकार को हराने के बाद पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुई थी।

महाराष्ट्र के जलगांव में बवाल दो गुटों के बीच हुआ पथराव

मंत्री के परिवार को ले जा रही गाड़ी के हॉर्न बजाने पर हुआ विवाद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र के जलगांव में दो गुटों के बीच पथराव का मामला सामने आया है। शिवसेना के मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार को ले जा रहे वाहन की ओर से हॉर्न बजाने को लेकर दो गुटों के बीच तनाव बढ़ गया।
जानकारी के अनुसार, जलगांव जिले के पलाधी गांव में मंगलवार की रात को पथराव और आगजनी की घटना हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार को ले जा रहे वाहन के चालक ने हॉर्न बजाया, जिससे लोग नाराज हो गए। इसके बाद ग्रामीणों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई। गुस्साई भीड़ ने पथराव किया और दुकानों और वाहनों में आग लगा दी। जलगांव के कई इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने करीब 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया है।

लगाया गया कर्फ्यू

जलगांव एएसपी कविता नेरकर ने बताया कि गांव में कल शाम 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू  लगाया गया है। मंगलवार की रात धारण गांव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पर्दा गांव में दो गुटों के बीच मामूली विवाद पर झगड़ा हुआ, जिसमें कुछ दुकानों में आग लगा दी गई।

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का हल्लाबोल

नए साल के पहले दिन पूरे प्रदेश के बिजली कर्मियों नेमनाया काला दिवस
सीएम योगी से की मामले में हस्तक्षेप करने की मांग

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भाजपा सरक ार के मनमानी के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाया है। बुधवार को पूर्वांचल और दक्षिणांचल के बिजली निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी भारी संख्या मेें जुटे। नये साल के पहले दिन कर्मियों ने सुबह बांह पर काली पट्टी बांध कर कार्य किया।
इस दौरान विभिन्न निगमों में कार्मिकों के खिलाफ हो रहे उत्पीडऩात्मक कार्रवाई का भी विरोध किया गया। बिजली कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की भी मांग की है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से प्रदेश के बिजली कर्मी नए साल के पहले दिन को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। इसके तहत काली पट्टी बांध कर मानव श्रृंखला बनाएंगे।
पॉवर कार्पोरेशन के अध्यक्ष और शीर्ष प्रबंधन का सामाजिक बहिष्कार भी करेंगे। समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल, रामकृपाल यादव आदि ने बताया कि बुधवार को बिजली कर्मी भोजनावकाश के दौरान अपने कार्यालय के बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए मानव श्रृंखला बनाकर शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज करेंगे। इस दौरान अनावश्यक तौर पर बड़े पैमाने पर निलंबन और उत्पीडऩ के विरोध का भी विरोध किया जाएगा। इसके बाद पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत होगी।

पहले पदोन्नति में आरक्षण छिना और अब पद खत्म करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की मंगलवार को फील्ड हास्टल में हुई बैठक में तय किया गया कि उपभोक्ता हितों का ध्यान रखते हुए बांह पर काली पट्टी बांध कर कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले पदोन्नति में आरक्षण छीना गया और अब पीपीपी मॉडल के जरिए पिछड़े व दलित वर्ग के अभियंताओं के पद खत्म करने की तैयारी है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

अन्य राज्यों में हुआ एक घंटे कार्य बहिष्कार

नेशनल को ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स की ओर से ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि देशभर के बिजली कर्मियों ने मंगलवार को दोपहर 12:00 बजे से 01:00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाई। इसमें उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ हुए दो समझौतों का खुला उल्लंघन करने और पूर्वांचल व दक्षिणांचल के निजीकरण के निर्णय का विरोध किया गया।

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