सीएम मोहन यादव ने कर्ज लेने में शिवराज को पछाड़ा: पटवारी

  • मोहन सरकार ने एक साल में प्रदेश को रुला दिया
  • विस का घेराव कर हिसाब दो जवाब दो आंदोलन करेगी कांग्रेस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। कांग्रेस 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान मध्य प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेसवार्ता कर मोहन सरकार के एक साल का हिसाब मांगा हैं। कांग्रेस सरकार के एक साल पूरे होने पर विधानसभा का घेराव कर हिसाब दो जवाब दो आंदोलन करेगा। पटवारी ने आरोप लगाया है कि सीएम मोहन कर्ज लेने में शिवराज सरकार से दो कदम आगे है।
जीतू पटवारी ने कहा कि 13 दिसंबर को मोहन यादव को मुख्यमंत्री की शपथ लिए एक साल हो जाएगा। एक साल लंबा पीरियड होता है। इस एक साल में मप्र ने क्या-क्या देखा? बेटियों से बलात्कार होते हुए देखे। एक साल में बहनों बच्चों को गायब होते देखा। माफिया राज को सरकार पर हावी होते हुए देखा। वल्लभ भवन की पांचवीं मंजिल से करप्शन कैसे नीचे तक आता है इसके नए आयाम पैदा होते देखा। मप्र में ड्रग्स माफिया का उद्योग पनपते हुए देखा। पिछले एक साल में कर्ज के कौशल को शिवराज सिंह से ज्यादा बढ़ाते हुए मोहन यादव को बढ़ाते हुए देखा। आपस में करप्शन की लूट के लिए भाजपा के नेताओं में जूतम पैमार करते हुए देखा। संकल्प पत्र के धोखे को एक साल में जनता ने भोगते हुए देखा। पटवारी ने कहा कि बीजेपी ने संकल्प पत्र में जो कहा था कि लाडली बहनों को तीन हजार रुपए देंगे। पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान का लाडली बहना योजना में 3 हजार रुपए देने के बयान का वीडियो भी दिखाया। पटवारी ने कहा- झूठ बोलने और कर्ज लेने के कौशल में शिवराज सिंह चौहान से मोहन यादव दो कदम आगे हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि 45000 करोड़ रुपए के कर्ज से सरकार ने एक भी इनोवेटिव काम नहीं किया। जिससे प्रदेश को लाभ हो। यह कर्ज लेते हैं तो 3 करोड रुपए हर महीने हवाई जहाज का चुकाते हैं।
लगातार बड़े-बड़े इवेंट करते हैं। विज्ञापन देते हैं और करप्शन करने के नए-नए तरीके खोजते हैं। मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति पर 50000 कर्ज हो गया है। आरबीआई और सीएजी की रिपोर्ट में भी कर्ज पर रोक लगाई है।

सीएम को बेनकाब करने में उनके लोग ही लगे : सिंघार

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री को उनके लोग ही बेनकाब करने में लगे हैं। वे जिस नाव में बैठे हैं उसमें छेद हो चुका है। मोहन यादव अब मौन यादव हो गए हैं। वे अभी लंदन गए थे। उनके जेब से हाथ बाहर नहीं निकले। लग रहा था कि मप्र के लिए भीख मांगने गए हैं। लेकिन मप्र को आर्थिक रुप से मजबूत क्यों नहीं करना चाहते? क्यों आपको कर्जे की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी अमेरिका गए थे उन्हें सडक़ें बड़ी अच्छी लगीं। मोहन यादव लंदन गए तो उनको डायनासोर के अंडे अच्छे लगे। तो ये मुख्यमंत्री हैं किसी को सडक़ें पसंद हैं किसी को डायनासोर के अंडे पसंद हैं। प्रदेश में विकास की बात नहीं करते, कर्ज की बात करते हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि 20-22 साल होने जा रहे हैं प्रदेश में कई इन्वेस्टर्स मीट हुई। सरकार कहती रही कि एक लाख करोड, दो लाख करोड निवेश आया? क्या एमओयू हुए, वहां धरातल पर वहां फैक्ट्रियां लगीं। अगर आर्थिक विकास होता तो प्रदेश को कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

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