ममता को कमान!
इंडिया गठबंधन को फायदा या नुकसान
- इंडिया गठबंधन में राहुल को मिल सकती है चुनौती
- मुखर व आक्रामक नेता हैं टीएमसी प्रमुख
- बंगाल में मोदी-शाह की सियासी जमीन दरकाई
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन में सियासी नेतृत्व की बागडोर क्या ममता बनर्जी के पास चली जानी चाहिए। इस विषय को लेकर मंथन जारी है और बात तेजी से आगे बढ़ रही है। यह सियासी डेवलपमेंट उस समय हुआ है जब किसान आंदोलन से देश धधक रहा है। महंगाई और बेरोजागरी जैसी मुददों पर जनता सरकार से सवाल कर रही है। बीजेपी को चुनौती दे रहा इंडिया गठबधंन के भीतर की राजनीति को क्या बीजेपी सुलगा रही है? या फिर यह समय की मांग है? क्योंकि राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गठबधंन कई सियासी मौके चूक चुका है। ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की अगुवाकार बनाने से फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं। यह एक ऐसे अवसर को उत्पन्न कर सकता है, जिसमें क्षेत्रीय दलों को प्रमुख भूमिका मिलती है, लेकिन साथ ही कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक चुनौती भी बन सकती है।
अध्यक्ष बनना चाहिए ममता बनर्जी को
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में इंडिया गठबधंन की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उसके बाद उनके समर्थन में तमाम नेताओं के वीडियो संदेश आना शुरू हो गये। सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने उनकी हां में हा मिलाते हुए उन्हें तत्काल अध्यक्ष बानने की बात कही। उसके बाद तृणमूल नेता और वर्धमान से सांसद कीर्ति आजाद ने भी एक वीडियो जारी कर कहा है कि कि ममता बनर्जी को गठबंधन का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए।
ममता के आने से कांग्रेस व राहुल को होगा नुकसान
यदि ममता बनर्जी को अगुवाकार बनाया जाता है, तो यह राहुल गांधी के लिए एक बड़ा धक्का हो सकता है। वह कांग्रेस के नेतृत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और ममता का सामने आना कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि पार्टी में पहले से ही नेतृत्व को लेकर प्रश्न उठते रहे हैं। इससे गठबंधन में असहमति भी उत्पन्न हो सकती है। ममता बनर्जी की अगुवाई से गठबंधन में विभाजन हो सकता है, क्योंकि कई क्षेत्रीय दलों की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। यह कांग्रेस और अन्य दलों के बीच असहमति का कारण बन सकता है, जिससे गठबंधन का एकजुटता पर असर पड़ सकता है। ममता बनर्जी की छवि एक मजबूत और आक्रामक नेता की है, जो कभी-कभी भाजपा और अन्य दलों के खिलाफ कठोर बयान देती हैं।
पीएम मोदी को बार-बार हराया है
कीर्ति आजाद ने कहा है कि इंडिया गठबधंन में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर गंभीर चर्चा हो रही है। वरिष्ठ नेताओं में, खासकर भारतीय राजनीति के दिग्गज और सबसे अनुभवी शरद पवार ने यह कहा है कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबधंन का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उनके अनुसार, बदलाव की आवश्यकता है, और ममता बनर्जी ही वह नेता हैं जिन्होंने बार-बार नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के प्रयासों को नाकाम किया है। सागरिका घोष ने एक वीडियो बयान जारी कर एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार का जिक्र करते हुए कहा कि तमाम नेता यही चाहते हैं कि ममता बनर्जी इंडिया गठबधंन का नेतृत्व करें।
ममता के आगे आने से होगा लाभ
- य ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में मजबूत पकड़ है। अगर वह इंडिया गठबंधन की अगुवाकार बनती हैं, तो इसका फायदा गठबंधन को बंगाल में मिल सकता है, जहां तृणमूल कांग्रेस बड़ी ताकत है। इससे बंगाल में भाजपा को चुनौती देने में मदद मिल सकती है।
- ममता बनर्जी ने हमेशा केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। उनकी आक्रामक राजनीति और मोदी सरकार के खिलाफ रुख को कई राज्यीय नेताओं के बीच समर्थन मिल सकता है, खासकर उन राज्यों में जहां भाजपा की पकड़ कमजोर है। इससे गठबंधन को एक मजबूत नेतृत्व मिल सकता है।
- ममता बनर्जी एक प्रमुख महिला नेता हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता भारतीय राजनीति में एक नई दिशा दे सकती है। वह दक्षिण और पूर्व भारत में भाजपा के खिलाफ एक विकल्प के रूप में उभर सकती हैं, जो पहले से ही राहुल गांधी के नेतृत्व में पश्चिम और अन्य हिस्सों में सक्रिय हैं।
सर्वसम्मति से चुना जाए गठबंधन का नेता : तेजस्वी यादव
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी समेत कोई भी वरिष्ठ नेता ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व कर सकता है, इसपर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, हालांकि फैसला सर्वसम्मति से लिया जाना चाहिए। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने कहा, इंडिया गठबंधन ने इस मामले पर विचार नहीं किया है और सभी पक्षों के साथ चर्चा होनी है। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी गठबंधन करेंगी, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि गठबंधन में भाजपा विरोधी कई वरिष्ठ नेता हैं, ऐसे में नेता चुनने के बारे में बैठकर बात करनी चाहिए और सामूहिक रूप से फैसला लेना चाहिए। यादव से पूछा गया कि अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गठबंधन का नेतृत्व करें, तो क्या उसमें शामिल प्रमुख दल राजद समर्थन के लिए तैयार है, इसपर उन्होंने कहा, हमने अब तक भविष्य के नेतृत्व के मुद्दे पर सामूहिक रूप से कोई निर्णय नहीं लिया। लेकिन जब नेता और भविष्य के रोडमैप पर बात होगी, तो सर्वसम्मति से इस बारे में कोई भी फैसला लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष पर बेकार की बयानबाजी : इमरान मसूद
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा है कि राहुल गांधी जितनी मेहनत कोई नहीं कर रहा है। इमरान मसूद ने ममता बनर्जी के विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व पर कहा यह सब बेकार की बयानबाजी है इससे कोई फायदा नहीं होने जा रहा। महाराष्ट्र सपा नेता अबू आजमी के बाद सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने भी कांग्रेस के अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने पर सवालिया निशान लगाया है। रामगोपाल के बयान पर कांग्रेस सांसद ने जवाब देते हुए पूछा है कि कांग्रेस ही तो काम कर रही है, अब कौन काम कर रहा है? राहुल जी तो खुद इस मुद्दे पर बोल रहे हैं।
कांगे्रस को गंभीर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए : डी. राजा
भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे गठबंधन के अध्यक्ष हैं और उन्हें मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस को अपने सहयोगियों के प्रति अधिक उदार होना चाहिए और कुछ गंभीर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। कांग्रेस को गंभीरता से आत्मचिंतन करना होगा और इस बात पर विचार करना होगा कि विधानसभा चुनावों में सीटों का बंटवारा ठीक से क्यों नहीं किया गया।