हिमाचल और गुजरात की चुनावी तैयारियों को लेकर सक्रिय हुई कांग्रेस

नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार से पार्टी में मची उथल-पुथल के बीच कांग्रेस हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों को लेकर सतर्क नजर आ रही है। चुनावी तैयारियों पर इन दोनों सूबों के नेताओं के साथ कांग्रेस हाईकमान की ओर से बैठकों का सिलसिला शुरू किया जाना, इसका साफ संकेत है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ चुनावी रणनीति तैयार करने को लेकर बैठक की। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हिमाचल प्रदेश के पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी की राज्यों में लगातार हो रही हार को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक चल रही है। पार्टी के असंतुष्ट खेमे यानी समूह 23 के नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों को लेकर भी आगाह कर दिया है। असंतुष्ट नेताओं की गुलाम नबी आजाद के घर पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान साफ कहा गया कि पार्टी की मौजूदा हालत को दुरूस्त नहीं किया गया तो हिमाचल और गुजरात की चुनावी राह भी मुश्किल होगी। पंजाब की सत्ता हाथ से निकलने का हवाला देते हुए इन नेताओं ने पार्टी हाईकमान को संदेश दिया था कि हिमाचल और गुजरात चुनाव के लिए मौजूदा खामियों को दूर कर विशेष चुनावी रणनीति तैयार करने की जरूरत है। इन नेताओं की स्पष्ट राय थी कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को चुनावी जीत नहीं मिली तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अगले चुनाव में भी पार्टी की राह मुश्किल होगी और ऐसा हुआ तो 2024 के लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस के पास राज्यों में सत्ता का शायद ही कोई आधार बचेगा। पार्टी के मौजूदा राजनीतिक हालातों से साफ है कि गुजरात और हिमाचल का चुनाव कांग्रेस के साथ ही उसके नेतृत्व के लिए सियासी अग्नि परीक्षा से कुछ कम नहीं है। राहुल गांधी की गुजरात के नेताओं के साथ हुई बैठक और सोनिया गांधी की हिमाचल के विधायकों के साथ होने वाली मुलाकात इन दोनों राज्यों की बड़ी चुनावी चुनौती से निपटने के लिए नेतृत्व की गहरी हुई चिंता का ही संकेत है।

बीजेपी से बसपा नहीं, मुलायम सिंह मिले हैं : मायावती

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा बीजेपी से बीएसपी नहीं, बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुलकर मिले हैं। उन्होंने पिछले शपथ ग्रहण में अखिलेश को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलाया था। दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सत्ता को बरकरार रखने में सफल हुई है। ऐसे में सपा और बसपा एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। सपा ने बीएसपी को बीजेपी की बी टीम बताते हुए मायावती पर बीजेपी से मिले होने के आरोप लगाए थे। अब मायावती ने इन आरोपों पर पलटवार किया। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी से बसपा नहीं बल्कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुलकर मिले हैं। इन्होंने बीजेपी के पिछले शपथ ग्रहण में अखिलेश यादव को बीजेपी से आर्शीवाद भी दिलायाथा और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को बीजेपी में भेज दिया है। यह जग-जाहिर है। दरअसल, मायावती का इशारा अपर्णा यादव की ओर था, जिन्होंने चुनाव से पहले बीजेपी की सदस्यता ली थी। हालांकि उन्होंने अपर्णा का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा मायावती ने कहा, यूपी में अंबेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने अपनी सरकार में इनके नाम से बनी योजनाओं और संस्थानों के नाम बदल दिए। ये निंदनीय और शर्मनाक भी है।

मान का ऐलान, भगत सिंह के शहीदी दिवस पर रहेगी छुट्टी

चंडीगढ़। सीएम भगवंत मान ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को छुट्टी रहेगी। मान ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे केवल नवांशहर तक सीमित रखा था। अब वह नवांशहर तक सीमित नहीं रहेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पंजाब विधानसभा में शहीद-ए-आजम भगत सिंह और डाक्टर भीमराव अंबेडकर का बुत लगाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि शेर-ए-पंजाब पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का भी बुत लगना चाहिए, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। भगत सिंह, अंबेडकर और महाराजा रणजीत सिंह के बुत लगाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। मुख्यमंत्री के पूरे पंजाब में छुट्टी के प्रस्ताव पर कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि छुट्टी से शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि देने के स्थान पर कालेजों व स्कूलों में भगत सिंह के संघर्ष की कहानी बताई जाए, जिस पर मुख्यमंत्री ने राजा वडिंग से पूछा कि क्या आपको पता है कि भगत सिंह का जन्मदिन कब है। इस पर वडिंग ने अनभिज्ञता जाहिर की।

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