योगी आदित्यनाथ ने दिया विधान परिषद से इस्तीफा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अब नौ अप्रैल से विधान परिषद की 36 सीट का चुनाव होना है। इसी बीच में विधान परिषद की एक और सीट खाली हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह को अपना इस्तीफा दे दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर से विधायक चुने के बाद विधान परिषद के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल छह जुलाई 2022 तक ही था। उत्तर प्रदेश में पहली बार विधानसभा के सदस्य बनने वाले योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। गोरखपुर शहर से विधायक चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद सभापति को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसको सभापति ने स्वीकार कर लिया है। योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभालेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक अमित शाह तथा सह पर्यवेक्षक रघुवर दास की मौजूदगी में 24 मार्च को योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा।
मुश्किल में दयाशंकर, स्वाति सिंह ने तलाक मामले में केस शुरू करने की दी अर्जी
लखनऊ। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति व बलिया से वर्तमान विधायक दयाशंकर सिंह के खिलाफ तलाक का मुकदमा फिर शुरू करने के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उनके द्वारा पूर्व में दाखिल तलाक की अर्जी गैरहाजिरी की वजह से खारिज हो गई थी। अपर पारिवारिक न्यायाधीश शुचि श्रीवास्तव ने स्वाति की अर्जी को पत्रावली पर लेते हुए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। पारिवारिक न्यायालय की पूर्व पत्रावली के अनुसार स्वाति सिंह ने पारिवारिक विवादों के चलते वर्ष 2012 में दयाशंकर सिंह से तलाक के लिए लखनऊ में पारिवारिक न्यायालय में मुकदमा दाखिल किया था। इस मामले को अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए दयाशंकर सिंह को अपना पक्ष रखने एवं आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही वर्ष 2017 में भाजपा ने स्वाति सिंह को विधानसभा चुनाव का टिकट दे दिया।
स्वाति चुनाव जीतीं और सरकार में उन्हें मंत्री पद मिला। इसके बाद वे अदालत में सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं। स्वाति की लगातार गैर हाजिरी के चलते फैमिली कोर्ट के अपर प्रधान न्यायाधीश प्रथम ने वर्ष 2018 में उनके मुकदमे को पैरवी के अभाव में खारिज कर दिया था। स्वाति सिंह इसी आदेश को वापस लेने के लिए कल वकील के साथ कोर्ट में उपस्थित हुईं और आदेश वापसी का प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है।