राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी के वार-पलटवार के बाद थमा चुनावी प्रचार
- सीएम गहलोत ने पीएम पर साधा निशाना, कहा- बस साजिश करते हैं
- गृहमंत्री शाह बोले- खत्म होने वाली है जादूगरी
- 25 दिसंबर को होगा मतदान
- 3 दिसंबर को होगी मतगणना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रचार का आज (23 नवंबर) को आखिरी दिन है। जनता को लुभाने के आखिरी मौके को आजमाते हुए सभी पार्टियों के दिग्गज नेता प्रदेश के दौरे पर हैं। कांग्रेस व बीजेपी एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रही हैं। सीएम गाहलोत, सचिन पायलट जहां मोदी व शाह को सभी चुनावी मंचों पर घेर रहे हैं वहीं बीजेपी के कई दिग्गज राजस्थान को मथकर गहलोत कोस रहे हैं।
दरअसल लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार थम जाएगा। इस तरह 23 नवंबर को शाम छह बजे से 25 नवंबर को मतदान समाप्ति अवधि शाम छह बजे तक यह प्रभावी रहेगा। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर बृहस्पतिवार शाम को थम जाएगा। राज्य में 25 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भाजपा में माना जा रहा है।
राजस्थान में होगा परिवर्तन : शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि पूरे राजस्थान का दौरा करने के बाद मैं विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि राजस्थान में अगली सरकार भाजपा की सरकार बन रही है। पूरे राजस्थान के हर कोने में जनता ने परिवर्तन का मूड बनाया हुआ है और हर क्षेत्र में विफल और नाकाम कांग्रेस सरकार को विदाई देने के लिए राजस्थान के लोगों ने अपना मन बना लिया है। भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा लगभग 9 हजार किलोमीटर चली। हर गांव में हमने लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया। 200 विधानसभाओं तक पहुंचे। अमित शाह ने आगे कहा कि राजस्थान ने हमेश मोदी जी के साथ खड़े होकर भाजपा का समर्थन किया है। 2014 और 2019 दोनों चुनाव में सभी की सभी सीटें भाजपा के खाते में देकर मोदी जी के प्रति अपना विश्वास राजस्थान के लोगों ने व्यक्त किया है।
गहलोत-पायलट में कौन ज्यादा निकम्मा, इस पर जंग जारी : हिमंत बिस्वा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर एक विवादित बयान दिया है। असम सीएम का कहना है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अलग प्रकार की प्रतियोगिता चल रही है। दोनों में मुकाबला है कि सबसे बड़ा निकम्मा कौन है। हिमंत बिस्वा सरमा ने विवादित बयान दिया कि अशोक गहलोत कहते हैं सचिन पायलट निकम्मे हैं, वहीं, सचिन पायलट यही बात मुख्यमंत्री गहलोत के लिए कहते हैं, इसमें हम क्या कमेंट कर सकते हैं?
केवल भडक़ा रही बीजेपी : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना चाहती थी। छत्तीसगढ़ के सीएम की गिरफ्तारी की पूरी प्लानिंग हो चुकी थे लेकिन उससे पहले ही पर्दाफाश हो गया है। बीजेपी षड्यंत्र के तहत भूपेश बघेल को गिरफ्तार करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इतने छापे मारे गए क्या किसी राजनेता को गिरफ्तार किया गया। हमारी सरकार ने कितने ही काम किए हैं, अगर बीजेपी को कुछ बताना ही है तो हमारी योजनाओं में कमी बतानी चाहिए। केवल भडक़ाने की राजनीति हो रही है। सीएम गहलोत ने कहा कि जनता को भडक़ाने का इनका अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कन्हैया कुमार की हत्या करने वाले भाजपा कार्यकर्ता थे, उन पर कई मामले थे भाजपा नेताओं ने उनकी मदद करी। आज समाचार पत्रों में कांग्रेस को बदनाम करने का काम बीजेपी कर रही है, आपको याद होगा कि इनके समय में जयपुर में सीरियल ब्लास्ट हुआ था.घंटे का समय लग सकता है। जबकि दूसरी तरफ अन्य सूत्रों के हवाले से इससे पहले ही कभी भी अच्छी खबर मिल सकती है।
समलैंगिक विवाह मामला फिर सुप्रीम चौखट पर
- फैसले की समीक्षा की मांग, कोर्ट में दायर हुई पुनर्विचार याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है। बता दें कि 17 अक्टूबर के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। अब उस फैसले की समीक्षा के लिए एक याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में पेश हुए।
याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की सदस्यता वाली पीठ ने सबमिशन लिया। मुकुल रोहतगी ने मांग की कि समीक्षा याचिका की खुले कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए ताकि समलैंगिक विवाह की मांग करने वाले लोगों की शिकायतों का निवारण हो सके। समीक्षा याचिका पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैंने अभी तक याचिका को नहीं देखा है। पहले मुझे इसे पीठ के अन्य जजों के बीच सर्कुलेट करने दीजिए। वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि संविधान पीठ के सभी जजों ने माना कि क्वीर लोगों के साथ थोड़ा भेदभाव हुआ है और उन्हें राहत दिए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
टनल में फंसे श्रमिक बाहर आने के करीब
- रेस्क्यू ऑपरेशन में लगेगा 12 से 14 घंटे का समय
- पीएम मोदी ने सीएम से की बात
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
देहरादून। सीएम धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्टï्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश ïप्रशासन के समन्वय से युद्ध स्तर पर संचालित राहत एवं बचाव कार्यों में हो रही प्रगति से पीएम मोदी को अवगत कराया।
बताया कि प्रधानमंत्री को मौक़े पर श्रमिकों के उपचार व देखभाल के लिए चिकित्सकों की टीम, एम्बुलेंस, हेली सेवा एवं अस्थायी हॉस्पिटल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने एवं किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में एम्स ऋषिकेश में चिकित्सकों को तैयार रहने के निर्देश दिए जाने की जानकारी भी दी। वहीं पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन में 12 से 14 घंटे का समय लग सकता है। जबकि दूसरी तरफ अन्य सूत्रों के हवाले से इससे पहले ही कभी भी अच्छी खबर मिल सकती है।
सीएम धामी और मंत्री वीके सिंह ने लिया सुरंग का जायजा
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जायजा लिया। वे उत्तरकाशी पहुंचे। दोनों ही सुरंग के भीतर जायजा लेकर बाहर लौट आए हैं।