कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का बयान, कहा- हिंदी थोपना गलत

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हम नई शिक्षा नीति को पहले से लागू कर रहे हैं, ये कोई नया नोटिफिकेशन नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने राज्य में हिंदी भाषा को थोपे जाने के किसी भी प्रयास का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा का एक विशिष्ट महत्व है, और इसे नज़रअंदाज़ करना या दबाने की कोशिश करना अनुचित होगा।

वडेट्टीवार ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अगर महाराष्ट्र में हिंदी को जबरदस्ती थोपा जाए, तो यह गलत होगा। मराठी भाषा की अपनी एक अलग पहचान है, उसका अपना मान, स्वाभिमान और गौरव है, जिसे किसी भी कीमत पर कम नहीं होने दिया जाएगा।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में भाषा को लेकर बहस तेज़ होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाषाई
विविधता भारत की ताकत है, और सभी भाषाओं को समान सम्मान मिलना चाहिए। राज्य की राजनीति में भाषा को लेकर इस तरह के बयानों से आने वाले समय में नया सियासी मंथन होने की संभावना जताई जा रही है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने की योजना बना ली गई है. इसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में क्लास 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. अब इसे लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मराठी भाषा का अपना महत्व है, हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए.

महाराष्ट्र में क्लास 1-5 के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ”संविधान में लिखा है कि स्टेट को अपनी मातृभाषा को आगे रखने का अधिकार है. सेकंड वैकल्पिक भाषा जो व्यवहार में होती है, देश-प्रदेश के लिए होती है वो अंग्रेजी होती है. मेरा कहना है कि हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में लादने की आवश्यकता नहीं है. ये लादकर आप मराठी का महत्व कम नहीं करो, ये ऑप्शनल रखो.”

मराठी भाषा का अलग महत्व है- विजय वडेट्टीवार

उन्होंने आगे कहा, ”ऑप्शनल रखने के लिए किसी का विरोध होने का सवाल नहीं है. लेकिन उसे जबरदस्ती थोपा जाए तो ये गलत होगा. यहां मराठी भाषा का एक अलग महत्व है, इसका अलग मान और स्वाभिमान भी है. सभी को मालूम है कि मराठी भाषा का क्या महत्व है, इतिहास भी इसका गवाह है. औरंगजेब से लड़े थे, वो कौन लड़े थे, विदेशी आक्रमण के विरोध में कौन लड़े थे. वो सबका इतिहास सामने है. सवाल इतना है कि हिंदी को ऑप्शनल रखो, उसे महाराष्ट्र में जबरदस्ती लागू करने की जरूरत नहीं है.

विजय वडेट्टीवार का पीएम मोदी और शाह पर तंज

विजय वडेट्टीवार ने ये भी कहा, ”पीएम नरेंद्र मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी रेगुलर अगर हिंदी भाषा बोलते हैं तो सभी को यही बोलना चाहिए, ये तो गलत है न. ये ठीक नहीं है. अगर वे महाराष्ट्र आना चाहते हैं तो उन्हें मराठी भी सीखनी चाहिए, तो हमको अच्छा लगेगा कि हमारे प्रधानमंत्री मराठी में बात करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 16 भाषाएं बोलते थे. हमारे मनमोहन सिंह 11 भाषाएं जानते थे. तो किसी के ऊपर भाषा मत थोपो और अगर थोपोगे तो मराठी संस्कृति, विचार का नुकसान होगा.”

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?

आपको बता दें,कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम नई शिक्षा नीति को पहले से लागू कर रहे हैं, ये कोई नया नोटिफिकेशन नहीं है. हमारा प्रयास है कि सबको मराठी भी आनी चाहिए और साथ-साथ देश की अन्य भाषा भी आनी चाहिए. मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार के विचार को साकार करने के लिए किया जा रहा है कि पूरे देश में एक संपर्क भाषा होनी चाहिए. हमने पहले तय किया है कि मराठी यहां अनिवार्य होगी, लेकिन इसके साथ ही, हर कोई अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाएं सीख सकता है.”

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