कांग्रेस का सरकार पर गंभीर आरोप, कहा- सरकार नहीं दिखाना चाहती असली हालात

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रेस वार्ता कर कहा कि सरकार शुरू से ही घटनास्थल पर वास्तविक स्थिति उजागर होने नहीं देना चाहती थी.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने जोर देकर कहा कि स्वयं सरकार के मंत्री कर्नल कोटियाल ने भी माना था कि मलबे के नीचे अब भी कई शव दबे हो सकते हैं और उचित खोजबीन नहीं की जा रही है.

उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में 5 अगस्त को आई भीषण आपदा को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर
गंभीर लापरवाही, तथ्यों को छिपाने और पीड़ितों की अनदेखी का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रेस वार्ता कर कहा कि सरकार शुरू से ही घटनास्थल पर वास्तविक स्थिति उजागर होने नहीं देना चाहती थी.

गणेश गोदियाल ने बताया कि आपदा के तुरंत बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा पैदल मार्ग से धराली
और हर्षिल तक पहुंचे, लेकिन सरकार ने कई अवरोध पैदा किए और कोशिश की कि कांग्रेस नेता मौके तक न
पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि उस दौरान सरकारी तंत्र ने हर संभव प्रयास किया कि आपदा की वास्तविक जानकारी
बाहर न आए.

कांग्रेस अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि स्वयं सरकार के मंत्री कर्नल कोटियाल ने भी माना था कि मलबे के नीचे
अब भी कई शव दबे हो सकते हैं और उचित खोजबीन नहीं की जा रही है. हालांकि बाद में दबाव में उन्होंने अपना
बयान वापस ले लिया, परंतु इससे सरकार की नीयत पर सवाल और गहरे होते हैं.

गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पिछले चार महीनों से लगातार धराली आपदा के पीड़ितों के साथ खड़ी रही है.
हरीश रावत, करण माहरा, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह सहित कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता वहां गए और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना. उन्होंने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी कांग्रेस नेता धराली पहुंचते हैं, सरकार वहाँ इंटरनेट कनेक्शन काट देती है. उन्होंने दावा किया कि कल भी उनके धराली पहुंचने के बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया ताकि पीड़ितों की आवाज बाहर न जा सके.

स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 150 शव अब भी मलबे में दबे होने की आशंका
गोदियाल ने कहा कि स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 150 शव अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है, लेकिन
सरकार उन्हें निकालने में कोई गंभीर प्रयास नहीं कर रही. उल्टा कई जगहों पर मलबे पर मिट्टी डालकर सड़क बना दी गई, जिससे शव खोजने की प्रक्रिया और मुश्किल हो गई.

उन्होंने कहा कि पीड़ितों को केवल 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है क्योंकि सरकार नष्ट हुए पक्के मकानों
को “कच्चा मकान” मान रही है. इससे प्रभावित परिवारों में भारी नाराजगी है, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार केवल 38 परिवारों को ही प्रतिपूर्ति देने की बात कर रही है, जबकि प्रभावित लोग सैकड़ों की संख्या में हैं.

2013 की आपदा की तरह पुनर्वास कार्य होने चाहिए थे- गणेश गोदियाल
गणेश गोदियाल ने कहा कि 2013 की आपदा की तरह इस बार भी व्यापक राहत और पुनर्वास कार्य होने चाहिए थे,
लेकिन सरकार पीड़ितों को उनके हक से वंचित कर रही है. कई स्थानीय व्यवसायी, होमस्टे संचालक और पर्यटन आधारित रोजगार वाले लोग मुआवजा पाने से वंचित हैं क्योंकि उनसे कहा जा रहा है कि वे पर्यटन विभाग में पंजीकृत नहीं हैं.

उन्होंने इसे सरकार का क्रूर चेहरा बताते हुए कहा कि हर्षिल में एक नई झील बन गई है और सिर्फ छह महीने बाद फिर बारिश का मौसम आने वाला है, लेकिन सरकार इस संभावित खतरे को लेकर पूरी तरह लापरवाह बनी हुई है.

बीजेपी नेताओं द्वारा कांग्रेस पर राजनीति करने के आरोपों का जवाब देते हुए गोदियाल ने कहा, कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और राजनीति करना हमारा काम है लेकिन धराली में हम राजनीति नहीं, पीड़ितों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार को चाहिए कि वह आरोप लगाने के बजाय प्रभावितों की सुध ले. कांग्रेस का यह हमला आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल खड़े करता है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक तापमान और बढ़ने की संभावना है.

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