हिजाब पर फिर विवादित बयान, भाजपाइयों की मानसिकता आई सामने!

हिजाब को लेकर इन दिनों सियासी बवाल मचा हुआ है। यूपी, बिहार समेत पूरे देश में इसको लेकर जमकर सियासत हो रही है। बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरे मंच से वो कर दिया जिसकी किसी ने कल्पना की थी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: हिजाब को लेकर इन दिनों सियासी बवाल मचा हुआ है। यूपी, बिहार समेत पूरे देश में इसको लेकर जमकर सियासत हो रही है। बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरे मंच से वो कर दिया जिसकी किसी ने कल्पना की थी। उन्होंने एक महिला का हिजाब उतारने की कोशिश की जिसके बाद सियासी गलियारों सवालों की झड़ी लग गई। पक्ष विपक्ष आपने-सामने आ गया।

वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला के चेहरे से बुर्का हटाने का विवाद थमा नहीं कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने नकाब को लेकर एक विवादित बयान दे दिया, जिसे लेकर सियासी पारा और चढ़ गया। दरअसल बबीता चौहान ने कहा कि जब सरकारी आईडी बनवाने के लिए चेहरा दिखाया जा सकता है, तो आम लोगों से पर्दा क्यों? यदि महिलाओं को बुर्का में ही रहना है, तो वे अपने घरों में रहें, क्योंकि वे बाहर की तुलना में घर के भीतर ज्यादा असुरक्षित हैं। दरअसल आगरा में जनसुनवाई के दौरान कई महिलाएं बुर्का पहनकर अपनी समस्याएं बताने पहुंची थीं।

इस दौरान बबीता चौहान ने सवाल उठाया कि जब पासपोर्ट और आधार कार्ड के लिए चेहरा दिखाया जाता है, तो आयोग की सुनवाई या अस्पताल जैसी जगहों पर पहचान क्यों छिपाई जाती है। बबीता चौहान ने कहा कि महिलाएं घर के भीतर अधिक असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि बाहर वे कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं।

बबिता के इस बयान के सामने आने के बाद जमकर बवाल मच गया। एक बार फिर नीतीश के मुद्दे से इसको जोड़कर देखा जाने लगा। और कहीं न कहीं इस बयान से भाजपा की मानसिकता एक बार फिर लोगों के सामने आ गई। बबीता सिंह चौहान का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका कहने का आशय था कि महिलाएं नकाब में आती हैं। जिससे उन्हें पहचाने में मुश्किल होती है। ऐसे में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है।

हालांकि बयान वायरल होने के बाद विपक्ष और लोगों का विरोध देख उन्होंने सफाई तो पेश कर दी लेकिन मामला आगे बढ़ चुका है। लोगों का कहना है कि आखिर क्यों एक ही समुदाय विशेष से बीजेपी और NDA के लोगों को इतनी परेशानी है। आपको याद होगा कि बीते दिनों नीतीश कुमार के हिजाब हटाने का समर्थन खुद योगी के मंत्री संजय निषाद ने भी किया था। जिसपर विपक्षी नेताओं ने उन्हें जमकर घेरा था।

इसपर शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था , “ये इनकी महिला विरोधी सोच को दिखाता है. एक गल़त काम को सही साबित करने के लिए एक महिला की इज़्ज़त को, उसके सम्मान को दरकिनार किया जा रहा है. चाहे वो बीजेपी हो या बीजेपी के सहयोगी दल. उत्तर से लेकर दक्षिण तक, ये सब महिला विरोधी मानसिकता वाले लोग हैं.

मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने लखनऊ के कैसरबाग पुलिस स्टेशन में नीतीश कुमार और संजय निषाद के ख़िलाफ़ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. बढ़ते विवाद के बीच संजय निषाद ने अपने शब्द वापस लेने का बयान जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र के हिसाब से बोली भाषा की वजह से शब्दों का गलत अर्थ निकाल लिया जाता है. ऐसे में अगर किसी को आपत्ति है तो वो अपने शब्द वापस लेते हैं. संजय निषाद ने कहा था, वो भी तो आदमी हैं. नकाब छू दिया तो इतना हो गया, कहीं और छूते तब क्या हो जाता.कहीं चेहरा वेहरा छुआ जाता, कहीं और उंगली पड़ जाती तो क्या होता. यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बयान पर विवाद बढ़ गया।

हालांकि NDA नेता भले ही विवादित बयान देकर अपने शब्द वापस ले लिए हों लेकिन ये बयान इन की मानसिकता साफ़-साफ़ दिखाते हैं। खैर हिजाब विवाद को लेकर न सिर्फ यूपी, बिहार की सियासत गर्म है बल्कि देश भर में इसे लेकर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान का नकाब पर दिया गया बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना ये होगा कि आखिर कब तक भाजपा नेता बुर्का-हिजाब की राजनीति करते रहेंगे।

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