प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की मूर्ति पर छिड़ा विवाद 

कांग्रेस ने कहा- बाल स्वरूप में नहीं है भगवान की मूर्ति

बीजेपी बोली- राजनीतिकरण करना चाहती है कांग्रेस
रामजन्मभूमि परिसर में बढ़ाई गई सुरक्षा
अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पर भी उठे सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापित होने के बाद इसकी तस्वीरें आने का सिलसिला जारी है। तस्वीरें आने बाद से सियासत भी होने लगी है। मूर्ति को लेकर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है उन्होंने कहा जो मूर्ति दिख रही है वह रामलला की बालरुप की मूर्ति नहीं लग रही है। वहीं शंकराचार्य द्वारा प्राण प्रतिष्ठा पर दिए गए बयान के बाद बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने पीएम की तूलना से शंकराचार्य कर दी है।
गौरतलब हो कि शुक्रवार को रामलला की एक और तस्वीर जारी हुई, जिसमें उनके पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला को फूलों की माला पहनाई गई है। अस्थायी मंदिर में रामलला चारों भाइयों समेत विराजमान हैं। विराजमान रामलला की मूर्ति मात्र छह इंच की है। रामलला इस मूर्ति में एक हाथ में लड्डू लिए हुए घुटने के बल पर बैठे हैं। भरत की मूर्ति भी छह इंच की है, जबकि लक्ष्मण व शत्रुघ्र की मूर्ति तो मात्र तीन-तीन इंच की है। गर्भगृह में हनुमान की भी दो मूर्तियां हैं, इनमें से एक मूर्ति पांच इंच की है। एक बड़ी मूर्ति लगभग तीन फीट की है।

असली रामलला की मूर्ति को तोड़ दिया गया: दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने रामलला की मूर्ति पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बाल स्वरूप की तरह नहीं लग रही है। मूर्ति बाल स्वरूप में होनी चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति, बाल स्वरूप की तरह नहीं लग रही है। उन्होंने कहा, मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जिस रामलला की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ और उसे तोड़ दिया गया, वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या जरूरत थी? हमारे गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने भी सुझाव दिया था कि भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाए। राम जन्मभूमि मंदिर की मूर्ति बाल स्वरूप में होनी चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होनी चाहिए, लेकिन मंदिर में जो मूर्ति रखी गई है वह बाल स्वरूप में नहीं दिखती है।

हमारे आराध्य के दर्शन अब टेंट में नहीं होंगे : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि ये समय हम सभी के लिए भक्ति-भाव से भरा हुआ है। 22 जनवरी को वो ऐतिहासिक क्षण आने वाला है, जब हमारे भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजने जा रहे हैं। हमारे आराध्य के दर्शन टेंट में करने की दशकों पुरानी पीड़ा अब दूर होने जा रही है। महाराष्ट्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कुछ संतों के मार्गदर्शन में मैं अपने नियमों में व्यस्त हूं और उसका मैं कठोरता से पालन भी करता हूं….ये भी संयोग है कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से पंचवटी की भूमि से हुई। राम भक्ति से भरे इस वातावरण में आज महाराष्ट्र के एक लाख से ज्यादा परिवारों का गृह प्रवेश हो रहा है।

राम मंदिर निर्माण का ‘राजनीतिकरण’ कर रही कांग्रेस : चुघ

भगवान श्री राम राष्ट्रीय गौरव हैं लेकिन दुर्भाग्य से, कांग्रेस इससे दूर रहने का निर्णय लेकर इस समारोह का राजनीतिकरण कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा ‘देश की आस्था के प्रतीकों का अपमान’ करते रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ‘‘राजनीतिक समारोह’’ बताने के लिए राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की आलोचना की और कहा कि यह उनके ‘‘राम विरोधी’’ रुख को दर्शाता है। चुघ ने कहा कि कांग्रेस भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार के खिलाफ ‘हमेशा विभाजनकारी राजनीति’ करती है।

अशास्त्रीय तरीके से की जा रही है प्राण प्रतिष्ठा : स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिर्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि राम मंदिर अभी पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा को अशास्त्रीय तरीके से किया जा रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, भले ही बाकी के शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल नहीं उठाए हैं, लेकिन वह अयोध्या शहर में हो रहे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने  कहा कि उन्हें अभी तक प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण नहीं मिला है। मगर उन्हें निमंत्रण दिया जाता तो भी वह इसमें शामिल नहीं होते।

मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत पांच फरवरी तक बढ़ी

कोर्ट ने सीबीआई से मांगी ताजा जांच रिपोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के शराब घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अलग-अलग मामलों में आरोपी बनाए गए दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने एक बार फिर राहत देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सीबीआई मामले में सुनवाई करते हुए मनीष सिसोदिया समेत सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत 5 फरवरी तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से जांच की ताजा स्टेटस रिपोर्ट भी फाइल करने के लिए कहा है।
बता दें कि सिसोदिया को 26 फरवरी को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि इस मामले में विपक्षी दल भाजपा और दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के बीच जमकर सियासी बयानबाजी भी होती है।

जमानत याचिका खारिज कर चुका सुप्रीम कोर्ट

मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लग चुका है। घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने समीक्षा याचिकाएं खारिज की थीं।

असम में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान राहुल से जुड़ रहे लोग

नाव से माजुली के लिए रवाना होने के साथ फिर से शुरू हुई यात्रा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोहिमा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी के सहयोगी शुक्रवार सुबह नौका से माजुली के लिए रवाना हुए और इसी के साथ ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ असम में फिर शुरू हुई। यात्रा में शामिल नेता और समर्थक नावों से जोरहाट जिले के निमतीघाट से माजुली जिले के अफलामुख घाट पहुंचे।
वहीं, कुछ वाहनों को भी बड़ी नावों की मदद से ब्रह्मपुत्र नदी के पार पहुंचाया गया। राहुल के साथ पार्टी महासचिव जयराम रमेश, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया सहित पार्टी के कई शीर्ष नेता मौजूद थे। राहुल अफलामुख घाट पहुंचने के बाद कमलाबाड़ी चारियाली जाएंगे जहां वह एक प्रमुख वैष्णव स्थल औनियाती सत्र का दौरा करेंगे। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ गार्मुर से गुजरते हुए जेंगरायमुख में राजीव गांधी खेल परिसर में सुबह विश्राम करेगी। रमेश और पार्टी सांसद गौरव गोगोई वहां संबोधित करेंगे।

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