शिवपाल यादव ने कारसेवकों पर गोलीकांड मामले को लेकर दी सफाई

संविधान की रक्षा के लिए गोली चलवानी पड़ी थी

  • पूरे परिवार के साथ राममंदिर के दर्शन करने जाएंगे
  • बोले- स्टे के बाद भी की थी कारसेवकों ने हिंसा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इटावा। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलवाने के मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि उस समय अयोध्या में स्टे के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कारसेवकों ने हिंसा की थी। जिसको लेकर तत्कालीन सरकार को संविधान की रक्षा की खातिर गोली चलवानी पड़ी थी। कारसेवकों ने आदेश का उल्लंघन किया था जबकि न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन किया था। वे सपा कार्यालय पर एक समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झूठ की राजनीति करती है।
राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा भाजपा का आयोजन है। जबकि यह वाकई में संतों का होना चाहिए था। शंकराचार्य व सनातनियों का अपमान देश देख रहा है। इसका नतीजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अधूरे राम मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। सपा से गठबंधन कर उन्हें 10 सीटें मिली थीं जबकि सपा से अलग होने पर केवल एक सीट पर सिमट गई थीं। सपा प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लडऩे को तैयार है। लेकिन आइएनडीआइए गठबंधन में जिसको जहां से टिकट मिलेगा सपा उसे जिताएगी। उन्होंने अपने आपको यदुवंशी कहा और कहा कि हाईकमान जिस सीट से उन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए कहेगा वहां से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा देश की पूजा पद्धति तो छोडि़ए संविधान को भी बदलने की तैयारी में जुटी है। उन्होंने यह भी कहा कि 22 जनवरी के बाद पूरे परिवार के साथ सपा के लोग राममंदिर के दर्शन करने जाएंगे। बसपा प्रमुख मायावती पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मायावती दलितों को लूटकर दौलत की बेटी बन गईं यह किसी से छिपा नहीं है।

मैं भाजपा नेताओं से ज्यादा धार्मिक हूं : अखिलेश

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अदालत के फैसले के कारण राम मंदिर बन रहा है, लेकिन इस आयोजन का राजनीतिकरण अनुचित है….क्या भगवान राम 22 जनवरी को ही अयोध्या में रहेंगे? क्या उसके बाद गायब हो जाएंगे? मैं मंदिर में तभी जाऊंगा जब भगवान राम मुझे आमंत्रित करेंगे। मैं वहां एक सामान्य भक्त के तौर पर जाऊंगा। मैं पूछना चाहता हूं कि शंकराचार्यों को इस कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया गया। मैं भाजपा नेताओं से ज्यादा धार्मिक हूं। यूपी के मुख्यमंत्री आवास में मंदिर का निर्माण मेरे कार्यकाल के दौरान हुआ था। हमने ही पारिजात और अन्य धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ों को सरकारी आवास में लाया था।

मस्जिद तोडक़र मंदिर बनाना अनुचित : उदयनिधि

नई दिल्ली। सनातन धर्म के खिलाफ अपनी जुबान से आग उगलने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने अब राम मंदिर पर बयान दिया है। एक बार फिर उन्होंने विवादित बयान दिया है। उदयनिधि ने कहा कि हम मस्जिद को तोडक़र उसकी जगह मंदिर बनाए जाने का समर्थन नहीं करते हैं। उदयनिधि ने कहा, जैसा कि हमारे नेता ने कहा था कि धर्म और राजनीति को न मिलाएं। हम किसी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम उस स्थान पर मंदिर बनाने का समर्थन नहीं करते हैं। जहां एक मस्जिद को ध्वस्त किया गया था। बता दें कि उदयनिधि अक्सर सनातन धर्म के खिलाफ बोलते रहे हैं। बीते साल उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और कोरोना वायरस से की थी। उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह है, जिसका महज विरोध नहीं किया जा सकता बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। उदयनिधि के बयान पर काफी हंगामा भी हुआ था। बीजेपी ने डीएमके पर जमकर प्रहार किया था। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा था कि डीएमके नेता देश की 80 प्रतिशत हिंदू आबादी के खात्मे की बात कर रहे हैं। उदयनिधि स्टालिन की विवादित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। इसको लेकर पटना की एमपी/एमएलए अदालत ने इसी सोमवार को संज्ञान पत्र जारी किया है। अदालत ने उदयनिधि को 13 फरवरी को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

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