वक्फ बिल पर बहस आर या पार, करारा प्रहार

- उभरा नया नारा-नीतीश तो गयो!
- हिंदू-मस्लिम या फिर तटस्थ भारत की तस्वीर को आगे बढ़ाएगा बिल
- वक्फ संशोधन बिल और मोदी की सौगात किट का कनेक्शन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सदन में आज पेश हो रहे वक्फ संशोधन बिल को देश का कोई भी राजनीतिक दल हल्के में नहीं ले रहा है। बीजेपी पूरी तैयारी और होमवर्क के साथ इस बिल को पेश कर रही है। वहीं कांग्रेस ने भी इस बिल से उपजे राजनीतिक तूफान को रोकने के लिए कमर कस ली है।
मोदी सरकार के उदय के बाद पहली बार सदन पक्ष या फिर विपक्ष में बंटा है। औवेसी हो या फिर नीतीश और चन्द्राबाबू नायडू कि सियासत का भविष्य इस बिल की दिशा और दशा पर टिका है। देश की राजनीतिक दिशा को पूरी तरह से बदलने के लिए बीजेपी इस बिल को ला रही है। किसी भी राजनीतक व्यक्ति या फिर दल के लिए करो या मरो की राजनीतिक स्थिति पैदा हो चुकी है। इस बिल के पास होने से हो सकता है कि बीजेपी को तत्कालिक राजनीतिक फायदा हासिल हो जाए। लेकिन अगर कहीं यह बिल टल गया या गिर गया तो इसका असर बीजेपी पर म्यामांर में आये भूकंप से ज्यादा साबित होने जा रहा है।
बिहार चुनाव पर सीधा असर
वक्फ संशोधन बिल पास होगा… गिर जाएगा… या फिर टल जाएगा। जो कुछ भी हो लेकिन इसका सीधा असर बिहार चुनाव पर होगा। और वक्फ संशोधन बिल की पिच पर ही बिहार विधानसभा चुनाव को बीजेपी लड़ेगी। भारतीय जनता पार्टी अगर कुछ करती है तो ऐसे ही नहीं करती। इसके पीछे पूरी प्लानिंग और रणनीति होती है। सौगात-ए-मोदी किट हो या फिर वक्फ संशोधन बिल। यह दोनों ही मुद्दे एक ही सिक्के के दो पहलू है। दोनो का टाइम मैनेजमेंट और टारगेट बिहार चुनाव ही है। बिल के बाद चुनाव यदि सीधे हिंदू वर्सेज मुस्लिम हो जाता है तो इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। यदि चुनाव हिंदू मुस्लिम नहीं हो पाता और कहीं पीडीए फैक्टर चल जाता है तो फिर बिहार में लालू की सरकार बनने से कोई रोक नहीं सकता। नीतीश कुमार इस बार कुछ खास करते नहीं दिखायी दे रहे हैं।
बिल आज ही पास कराने के मूड में है सरकार
सरकार इस बिल को आज ही पास कराने के मूड में हैं ताकि वह अगले दो दिनों में इस बिल को राज्यसभा में पेश कर पास करा सके। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई बिजनेस अडवाइजरी कमिटी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गयी। पिछले साल बिल पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिश के आधार पर मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी। इस विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए पहले लोकसभा में लाया जाएगा। संसद में आज पेश हो रहे इस बिल से भयंकर हंगामे के पूरे आसार दिख रहे हैं। इस विधेयक से पूरे देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।
पहली बार एक है विपक्ष
इंडिया गठबंधन ने एकजुटता दिखाते हुए संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाई हैं। विपक्षी दलों ने संसद भवन में बैठक की, जिसमें इस विवादास्पद विधेयक को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और आप के संजय सिंह शामिल हुए।
गैर-संवैधानिक है विधेयक : मनोज झा
राजद सांसद मनोज झा ने कहा है कि पूरा विपक्ष इस बिल के खिलाफ है। हमारी क्योंकि यह एक गैर-संविधानिक विधेयक है। यह बिल एक प्रकार से मुसलमानों के खिलाफ सुनियोजित हमला है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ऐसे समय में लाया जा रहा है जब सरकार पहले ही विभिन्न मुद्दों पर विवादों में घिरी हुई है।
बिल सबके हित के लिए है : विनोद बंसल
विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा है कि विरोध के नाम पर नमाज को काला करना, विरोध के नाम पर मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा बनाना ये ठीक नहीं है। बिल को आने दीजिए क्योंकि ये बिल सबके हित के लिए है।
हमारी मेहनत रंग लाई हैं। इस बिल के लिए हमने दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक दौरा किया। आज संशोधित रूप में इस बिल को लेकर सरकार आ रही है। यह निश्चित ही एक ऐतिहासिक दिन है। आज इस बिल के पास होने से देश के गरीब, पसमांदा और आम मुसलमानों को इसका फायदा पहुंचेगा।
जगदंबिका पाल, जेपीसी समिति अध्यक्ष