दिल्ली की सियासत बनी जंग का अखाड़ा, CM आतिशी ने खोला मोर्चा!
दिल्ली में दो हजार पच्चीस में विधानसभा चुनाव होने हैं.... जिसको लेकर आम आदमी पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः दिल्ली में दो हजार पच्चीस में विधानसभा चुनाव होने हैं…. जिसको लेकर आम आदमी पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है…. और आप संयोजक केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव दो हजार पच्चीस का मोर्चा संभाल लिया है…. आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल एक के बाद एक बड़ी योजनाओं की घोषणा दिल्ली की जनका के लिए कर रहे हैं….. और उन योजनाओं के लिए बाकायदा रजिस्ट्रेशन भी करा रहे हैं….. जिसको लेकर बीजेपी की हालत खराब हैं…. और बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आने के लिए बेचैन हैं…. और अपने सारे हथकंडे अपना रही है…. आपको बता दें कि इस बीच राज्यपाल के लेटर ने सियासी पारा बढ़ा दिया है…. बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल की ओर से कथित तौर पर अस्थाई मुख्यमंत्री कहे जाने को आपत्तिजनक बताया…… उपराज्यपाल ने कहा कि सार्वजनिक रूप से आपको अस्थाई मुख्यमंत्री कहे जाना मुझे बहुत आपत्तिजनक लगा….. और मैं इससे आहत हुआ….. यह न केवल आपका अपमान था….. बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति…. और उनके प्रतिनिधि के रूप में, मेरा भी अपमान था….. कुछ ही देर बाद सीएम आतिशी ने उपराज्यपाल के पत्र का जवाब भी दिया….
वहीं एलजी ने पत्र में आगे कहा कि उपराज्यपाल होने के नाते मैं इस स्तर के पब्लिक डिस्क्लोजर से चिंतित हूं….. साथ ही, मेरी सरकार की पूर्णकालिक मुख्यमंत्री को, अस्थाई मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने के संभाषण से आहत हूं…. अस्थायी अथवा काम चलाऊ मुख्यमंत्री की जो व्याख्या केजरीवाल ने की….. उसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है…. और यह बाबा साहेब आंबेडकर की ओर से रचित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना…. और मूल्यों की निंदनीय अवहेलना भी है…. आपको बता दें कि उपराज्यपाल ने आगे कहा कि यह सभी जानते हैं कि आपको किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया….. पिछले 10 सालों में यमुना की बदतर हालत हो या पीने के पानी की भयंकर कमी….. कचरे के पहाड़ों का मुद्दा या औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा हो या स्वास्थ्य की चरमराती व्यवस्था, अनधिकृत कालोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव हो या झुग्गी बस्तियों में नारकीय जीवन…… एक मुख्यमंत्री द्वारा, जिसको अस्थाई और काम चलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है, यह सभी जानते हैं…..
और उन्होंने आगे कहा कि, अपनी विफलताओं को आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है….. परन्तु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की जिम्मेदारी आपकी ही मानी जाएगी….. जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल द्वारा आपकी उपस्थिति में, अनाधिकृत रूप से वरिष्ठ नागरिकों…. और मुख्यमंत्री के नाम पर ही महिलाओं सम्बंधित योजना की हवाई घोषणाएं की जा रही हैं….. इससे मुख्यमंत्री के पद तथा मंत्री परिषद की गरिमा भी धूमिल हुई है….. हाल ही में, दिल्ली सरकार के दो विभागों द्वारा प्रेस में जारी सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अस्तित्वहीन योजनाओं हेतु पंजीकरण कराए जाने के संबंध में लोगों को सावधान रहने को कहा गया है…. वहीं यह घटना अभूतपूर्व है और आपके लिए निश्चय ही असहज करने वाला रहा होगा….. हालांकि, मैं उन विभागीय अधिकारियों की सराहना भी करता हूं…. जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनहित में भ्रामक योजनाओं….. और उनके पंजीकरण के संबंध में सही तथ्यों को जनता के सामने पेश किया….. मैं आपके सफल और उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं….. मेरा यह पत्र आपको व्यक्तिगत तौर पर लिखा गया है….. परन्तु आने वाले समय में इसे वर्तमान के परिप्रेक्ष्य को रेखांकित और रिकॉर्ड करता हुआ दस्तावेज माना जाए…..
आपको बता दें कि उपराज्यपाल के पत्र का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आप गंदी राजनीति करने के बजाय दिल्ली की बेहतरी पर ध्यान दीजिए…… अरविंद केजरीवाल जी ने साढ़े नौ साल दिल्ली की बेहतरी के लिए काम किया है….. मैं अरविंद केजरीवाल द्वारा दिखाए गए रास्ते पर सरकार चला रहा हूं….. दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को बार-बार जिताया है….. मैं आपके द्वारा महिला सम्मान योजना में अड़ंगा डालने से एक महिला होने के नाते व्यक्तिगत रूप से आहत हूं….. बता दें कि मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उपराज्यपाल के रूप में, एक मनोनीत सदस्य होते हुए भी, आप दिल्ली सरकार का एक हिस्सा भी हैं….. यह जानकर निराशा हुई कि आपका पत्र रचनात्मक सहयोग के बजाय आलोचना पर केंद्रित है….. मेरा दृढ़ विश्वास है कि शासन को क्षुद्र राजनीति से ऊपर रहना चाहिए….. और मैं आपसे इस भावना से हमारे साथ काम करने का आग्रह करती हूं…..
आपको बता दें कि दिल्ली में अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री आतिशी के बीच लेटर वॉर शुरू हो गया है…. एलजी के लिखे पत्र का मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है….. सीएम आतिशी ने एलजी को गंदी राजनीति नहीं करने की सलाह दी है….. आतिशी ने कहा कि वो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिखाए रास्ते पर ही सरकार चला रही है….. मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना के पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि आप (उपराज्यपाल) गंदी राजनीति करने के बदले प्रदेश की बेहतरी पर ध्यान दें….. एलजी के पत्र के जवाब में सीएम आतिशी ने कहा कि ये हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का प्रमाण है कि सरकार के सभी निर्वाचित सदस्य वास्तव में अस्थायी हैं….. और अपने कार्यकाल की अवधि तक ही पद पर बने रहते हैं…… सक्रिय लोकतंत्र की इस वास्तविकता को उजागर करने वाले किसी भी बयान पर आपके द्वारा आपत्ति जताए जाने से मुझे आश्चर्य हो रहा है….. ये जानकर निराशा हुई कि आपका पत्र रचनात्मक सहयोग के बजाय आलोचना पर केंद्रित है….. मेरा दृढ़ विश्वास है कि शासन को ओछी राजनीति से ऊपर रहना चाहिए…. और मैं आपसे इस भावना से हमारे साथ काम करने का आग्रह करती हूं….
वहीं आतिशी ने आगे लिखा, “दुर्भाग्य से, अनावश्यक हस्तक्षेपों द्वारा बार-बार पैदा की गई बाधाओं ने महत्वपूर्ण काम को धीमा कर दिया है….. इसके बावजूद, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में पिछली सरकारों की तुलना में सामूहिक रूप से अधिक काम करने में सफल रही….. मैं आपके कार्यालय से आदरपूर्वक अनुरोध करता हूं कि वो बाधाएं पैदा करने वाली भूमिका के बजाय एक सुविधाजनक भूमिका निभाए….. बता दें कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान को लेकर सीएम आतिशी को चिट्ठी लिखी थी….. इसमें एलजी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि…. उन्होंने आतिशी को एक अस्थायी काम चलाऊ मुख्यमंत्री कहा है…..
वहीं अरविंद केजरीवाल के योजनाओं की घोषणाओं को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है…. वहीं पुजारियों को अट्ठारह हजार रूपयें देने की बात को लेकर ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया है…. बता दें कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने राज्य में मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों में ग्रंथियों के लिए सम्मान योजना का ऐलान किया….. इसके बाद इस पर सियासत शुरू हो गई….. भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी के इस ऐलान को स्टंट बताया है….. वहीं कांग्रेस ने भी इसकी आलोचना की है….. इस बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष…. और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस योजना पर टिप्पणी की है….. और उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा नहीं करनी चाहिए बल्कि दे देना चाहिए….. वहीं ओपी राजभर ने पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना पर कहा, ‘AAP की सरकार है…. उन्हें घोषणा नहीं करनी चाहिए बल्कि सीधा उनके (पुजारी और ग्रंथियों) खाते में रुपए भिजवा देने चाहिए….. वे फॉर्म भरवा रहे हैं मगर पता नहीं उनकी सरकार बनेगी या नहीं बनेगी…..
आपको बता दें कि उधर प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास स्थित मरघट वाले बाबा मंदिर के पुजारी का पंजीकरण करने के साथ ही दिल्ली सरकार की पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत की….. फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले घोषित इस योजना के तहत….. केजरीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता में दोबारा लौटती है….. तो सभी हिंदू मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को अट्ठारह हजार रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा….. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आज मैं मरघट बाबा के मंदिर में गया…. और पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना आरंभ की….. आज यहां महंत जी का जन्मदिन है…. मैंने उनके साथ उनका जन्मदिन भी मनाया…..