देश में लोकतंत्र वहीं खत्म हो जाता है जहां जम्मू-कश्मीर शुरू होता: उमर
बोले- पहाडिय़ों को मिले एसटी का दर्जा, पर गुज्जरों और बकरवालों के आरक्षण अधिकारों पर न पड़े असर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है कि उनकी पार्टी पहाडिय़ों को एसटी (अनुसूचित जाति) का दर्जा दिए जाने का स्वागत करती है, लेकिन इससे गुज्जरों और बकरवालों के आरक्षण अधिकारों पर असर नहीं पडऩा चाहिए।
उमर ने जम्मू में कहा कि मुझे सुंदरबनी (राजोरी) जाने की अनुमति नहीं दी गई, जहां मेरी पार्टी के लोगों ने आज एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। पुलिस ने मेरे घर के दरवाजे बंद कर दिए और मुझे बताया गया कि कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण मैं सुंदरबनी नहीं जा सकता।
घाटी की तरह अब जम्मू में भी घरों में ताला लगा देती है पुलिस
उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि घाटी में पुलिस घरों में ताला लगा देती थी और फिर ऐसी किसी भी बात से इनकार कर देती थी, लेकिन अब जम्मू में भी पुलिस ऐसा ही कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने जम्मू के पार्टी मुख्यालय जाने के लिए भी संबंधित एसडीपीओ की अनुमति लेनी पड़ी। उमर ने आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र वहीं खत्म हो जाता है जहां जम्मू-कश्मीर शुरू होता है। वे दावा करते हैं कि सब कुछ सामान्य है और फिर वे लोगों पर प्रतिबंध लागू क्यों करते हैं। सरकार ने पहाडिय़ों को एसटी में शामिल कर दिया, लेकिन संसद में पारित विधेयक में भी यह उल्लेेख नहीं है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।