सदन की कार्यवाही में व्यवधान ठीक नहीं : उपराष्ट्रपति धनखड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि चर्चा, जो लोकतंत्र की आधारशिला है, हंगामे में तब्दील हो गई है और सदन की कार्यवाही में व्यवधान लोकतंत्र के लिए कोविड के खतरे से कम नहीं है। धनखड़ ने 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विधाई निकायों के पीठासीन अधिकारियों को सदन की मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विधाई निकायों की कार्यवाही में व्यवधान एक दुखद परिदृश्य है।धनखड़ ने कहा, यह कोई रहस्य नहीं है कि गड़बड़ी और व्यवधान की योजना बनाई जाती है, जिसके लिए बैनर छापे जाते हैं और नारे गढ़े जाते हैं। ऐसी चीजों का हमारी प्रणाली में कोई स्थान नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिनिधि संस्थाओं और प्रतिनिधियों में जनता के विश्वास का कम होना समाज के लिए कैंसर है।धनखड़ ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों को सदन की कार्यवाही पर बारीक नजर रखनी चाहिए और मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा, पीठासीन अधिकारी लोकतांत्रिक स्तंभों के संरक्षक हैं।