शिंदे सरकार के फैसले से नाराज दिखे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे

ओबीसी कोटे में अतिक्रमण से फैलेगी अशांति

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से सहमत नहीं हैं, जिसमें कहा गया है कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता है, तबतक उन्हें ओबीसी को मिल रहे सभी लाभ मिलेंगे। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने राणे एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह अन्य पिछड़ा वर्ग (के अधिकारों) में अतिक्रमण होगा तथा इससे महाराष्ट्र में अशांति फैल सकती है। मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी मांगें मान लिए जाने के बाद शनिवार को अपना अनिश्चितकालीन उपवास खत्म कर दिया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तबतक उन्हें ओबीसी को प्राप्त सभी लाभ मिलेंगे। राणे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह राज्य सरकार के फैसले को तथा आरक्षण के संबंध में मराठा समुदाय को उसके द्वारा दिए गए आश्वासन को मंजूर नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, इससे ऐतिहासिक विरासत वाले मराठा समुदाय का दमन होगा और यह अन्य पिछड़े समुदायों में भी अतिक्रमण होगा। उन्होंने कहा, इससे राज्य में अशांति फैलेगी। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को भी इस मुद्दे पर बोलेंगे। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने भी राज्य सरकार के इस फैसले पर असंतोष व्यक्त किया है तथा अन्य पिछड़ा वर्ग में पिछले दरवाजे से मराठों के प्रवेश पर सवाल उठाया है। कृषक समुदाय कुनबी ओबीसी के अंतर्गत आता है और जरांगे भी सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र मांग रहे है। जरांगे मराठों के वास्ते आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से आंदोलन कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ओबीसी की चिंताएं दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि मराठों को बिना सबूत कुनबी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा।

सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे : भुजबल

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता छगन भुजबल ने कहा है कि मराठा आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ एक फरवरी को विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। भुजबल ने अपने आधिकारिक आवास पर एक बैठक की, जिसमें ओबीसी विधायकों, नेताओं और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। भुजबल ने कहा कि इस बैठक में 26 जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित मसौदे को रद्द करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस फैसले के जरिए मराठा समुदाय को आरक्षण लाभ देने के लिए अवैध तरीका अपनाया जा रहा है। हम इस तरह के फैसलों के खिलाफ ओबीसी को एकजुट करने के लिए मराठवाड़ा से एक एल्गार रैली भी निकालेंगे। भुजबल ने कहा, राज्य में ओबीसी को मूर्ख बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। जब कानून में रिश्तेदारों की स्पष्ट परिभाषा बताई गई है तो अवैध रूप से इसमें बदलाव क्यों किए गए? उन्होंने कहा कि ओबीसी में मराठों को शामिल करने से मौजूदा पिछड़ा वर्ग बाहर हो जाएगा और वे आरक्षण लाभ से वंचित हो जाएंगे।

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