सर्दी-खांसी, बुखार में ना खाएं ये फूड्स, बढ़ सकती है समस्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। बारिश के मौसम में सर्दी-जुकाम खांसी, बुखार गले में खराश इंफेक्शन जैसी समस्याओं के कारण लोग परेशान रहते हैं। दवा खाकर आप इनसे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ये समस्याएं बारिश में अधिक भीगने, कुछ भी अनहेल्दी खाने-पीने से दोबारा हो जाती हैं। ऐसे में बार-बार ओवर द काउंटर मेडिसिन का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।

केला: बेशक शरीर को तुरंत एनर्जी प्रदान करता है, लेकिन खांसी-सर्दी और बलगम अधिक होने पर इसका सेवन अधिक करने से बचना चाहिए। केला में शुगर की मात्रा अधिक होती है। इससे इनफ्लेमेशन की समस्या बढ़ सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंच सकता है। केले की तासीर भी ठंडी होती है, ऐसे में सर्दी-खांसी में इसका सेवन ना करें, तो ही सेहत के लिए सही होगा।

पपीता: पेट की सेहत के लिए सबसे बढ़िया फल पपीता होता है। यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है। कब्ज की समस्या से बचाता है। लेकिन, सर्दी-जुकाम, खांसी में इसके सेवन से परहेज करना चाहिए। स्ट्रॉबेरी की तरह इसमें भी हिस्टामाइन कंपाउंड रिलीज होता है, जो नाक की नली में इंफ्लेमेशन की समस्या को बढ़ा सकता है। साइनस की समस्या से जो लोग परेशान रहते हैं, उन्हें भी पपीता नहीं खाना चाहिए।

स्ट्रॉबेरी: एक हेल्दी फल है, लेकिन सर्दी-खांसी में इसका अधिक सेवन करने से सीने में अधिक बलगम जमने की समस्या हो सकती है। स्ट्रॉबेरी के अधिक सेवन से हिस्टामाइन कंपाउंड रिलीज होता है, जिससे शरीर में खून जाम हो सकता है। सीने में जमा बलगम साइनस में समस्या को बढ़ा सकता है।

दूध: यदि आपको सर्दी, खांसी, कोल्ड-कफ, फ्लू आदि की समस्या है, तो दही, ठंडा दूध आदि पीने से बचें। डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन अधिक करने से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में बलगम जमा हो सकता है। गले में जलन, इंफेक्शन, खराश की समस्या भी बढ़ सकती है। बारिश के मौसम में दूध से बनी चीजों का सेवन थोड़ा कम कर दें।

सिट्रस: वे फल होते हैं, जो खट्टे होते हैं। इसमें साइट्रिक एसिड होता है। खट्टे फलों के सेवन से एसिड रिफलक्स होता है। इससे गले में समस्या बढ़ सकती है। खट्टे फलों के अधिक सेवन से खांसी, कफ, गले में दर्द, इंफेक्शन की समस्या बढ़ सकती है। खट्टे फलों की बजाय आप तरबूज, खरबूजा, खीरा, नाशपाती का सेवन करें। इन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो सर्दी-जुकाम, खांसी में नुकसान नहीं पहुंचाती है।

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