किडनी स्टोन को न करें नजरअंदाज, जानिए विस्तार से

किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली गंभीर बीमारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे नजरअंदाज करना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है,क्योंकि यह गुर्दों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ तेज दर्द और संक्रमण का कारण बन सकती है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी एक धीरे-धीरे बढ़ने वाली गंभीर बीमारी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे नजरअंदाज करना शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है,क्योंकि यह गुर्दों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ तेज दर्द और संक्रमण का कारण बन सकती है।

किडनी में पथरी का मतलब है कि किडनी के अंदर जमे मिनरल्स एक-दूसरे से चिपककर छोटे या बड़े कठोर ठोस क्रिस्टल बना लेते हैं. ये क्रिस्टल शुरू में छोटे होते हैं, लेकिन समय के साथ बड़े टुकड़ों की पथरी बन जाती है. जब ये टुकड़े यूरिन नली में आगे बढ़ते हैं तो तेज दर्द, पेशाब में जलन और ब्लॉकेज जैसी समस्या होती है. किडनी स्टोन्स चार प्रमुख तरह के होते हैं, कैल्शियम स्टोन, यूरिक एसिड स्टोन, स्ट्रूवाइट स्टोन और सिस्टीन स्टोन. हर प्रकार की पथरी बनने का कारण, खानपान और शरीर की प्रक्रिया अलग-अलग होती है. ऐसे में समय रहते पहचान और इलाज न हो तो ये पथरी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है और बार-बार दोबारा लौट भी सकती है.

किडनी स्टोन का सबसे आम लक्षण तेज चुभन वाला दर्द है जो कमर, बाजू या पेट के नीचे के हिस्से में अचानक शुरू होता है और बढ़ता-घटता रहता है. इसके अलावा पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आने की इच्छा महसूस होना, पेशाब में खून आना, बदबूदार पेशाब, उल्टी-मतली और बेचैनी जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं. रात या सुबह में दर्द ज्यादा तेज महसूस हो सकता है. अगर पथरी बड़ी हो जाती है तो वह यूरिन नली को ब्लॉक कर सकती है, जिसकी वजह से पेशाब रुक सकता है और संक्रमण बढ़ सकता है. अगर बुखार और ठंड लगने लगे, तो ये इंफेक्शन का संकेत हो सकता है और बिना डॉक्टर की जांच ये स्थिति खतरनाक बन सकती है.

इसके तीन प्रमुख कारण है जैसे-  कम पानी पीना, ज़्यादा नमक वाली डाइट और शरीर में कैल्शियम-ऑक्सलेट जैसे मिनरल्स की अधिक मात्रा शामिल है. कम पानी पीने से यूरिन गाढ़ा हो जाता है और यही गाढ़ापन मिनरल्स को जमा होने में मदद करता है. दूसरी ओर, ज़्यादा नमक वाला खाना शरीर में सोडियम बढ़ाता है, जिससे किडनी कैल्शियम ज़्यादा बाहर निकालती है और आगे चलकर कैल्शियम क्रिस्टल बनने की संभावना बढ़ जाती है. तीसरा कारण यह कि कुछ लोगों में शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया ऐसी होती है कि ऑक्सलेट या यूरिक एसिड ज़्यादा बनता है और यही जमा होकर आगे पथरी का रूप ले सकता है.

अन्य कारणों में परिवार का इतिहास, मोटापा, बहुत मीठा या प्रोसेस्ड खाना, ज़्यादा चाय-कॉफी, ज़्यादा शक्कर, कम पोटैशियम वाली डाइट, हाई प्रोटीन खाना, पेशाब बार-बार रोकना और कुछ दवाओं का लंबे समय तक सेवन करना भी शामिल है. डायबिटीज, हाई बीपी और हाई यूरिक एसिड वाले मरीजों में भी जोखिम बढ़ जाता है.

कैसे करें बचाव?

रोज 8 से 9 गिलास पानी पीएं. नमक और पैकेज्ड फूड की मात्रा कम करें. ऑक्सलेट-रिच चीजें संतुलित लें. कैल्शियम की मात्रा डॉक्टर की सलाह अनुसार सही रखें. समय पर पेशाब करें, रोके नहीं. अगर यूरिक एसिड या बॉडी में मिनरल्स बैलेंस की परेशानी हो, तो समय-समय पर टेस्ट कराते रहें.

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