भोजन को पचाने के लिए करें ये योगासन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
योग शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए फायदेमंद होता है। तमाम बीमारियों से बचाव और उपचार में योग असरदार है। शरीर को लचीला बनाने, मांसपेशियों की मजबूती और अतिरिक्त वसा को घटाने के लिए नियमित योगासन के अभ्यास की सलाह दी जाती है। सर्दीयों पेट संबंधी शिकायत हो सकती है। क्योंकि इस मौसम में गर्मागर्म पकोड़े, समोसे आदि के सेवन से अपच, दर्द और पेट फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। पाचन क्रिया सही तरीके से न होने से कई शिकायत हो सकती हैं। इसलिए रात के भोजन के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए और कम से कम तीन घंटे का अंतराल हो, जिसमें पैदल चल सकते हैं या योग कर सकते हैं। इसलिए कुछ योगासनों का अभ्यास खाने के बाद करना चाहिए, इससे फटाफट भोजन पच जाता है और पेट संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं।
धनुरासन
धनुरासन पाचन अंगों के कार्य को बढ़ाने में सहायक है। इस आसन के अभ्यास से पाचन बेहतर होता है। यह मोटापा को कम करता है। शरीर को संतुलित रखता है। पेट की मांसपेशियो को मजबूत बनाता है। इस आसन को करने से भूख बढ़ती है। धनुरासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं। अब अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ें। अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें। पैरों को पकडक़र आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें। अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें। सांस को धीरे धीरे छोड़े और छाती, पैर को जमीन पर रख आराम करें। वैसे तो धनुरासन करने के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ खास तरह की समस्याओं में इस आसन को करने की मनाही होती है वरना ये उन परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं।
गोमुखासन
गोमुखासन एक संस्कृत का शब्द है, जो दो शब्दों गौ और मुख से मिलकर बना है। इस तरह गोमुखासन का अर्थ होता है गाय का मुंह। यह एक ऐसा आसन है, जिसे करना बेहद ही आसान है। ऐसे में एक बिगनर भी इसका अभ्यास आसानी से कर सकता है। गोमुखासन रीढ़ और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव लाने में मदद करता है। इससे पाचन में मदद मिलती है और खाने के बाद इस आसन के अभ्यास से पेट का इलाज होता है। पाचन क्रिया को आसान बनाने के लिए नियमित इस योग का अभ्यास किया जा सकता है। गोमुखासन के अभ्यास के लिए बाएं पैर को मोडक़र टखने को बाएं कूल्हे के पास रखें। अब दाहिने पैर को बाएं पैर पर इस तरह रखें कि दोनों घुटने एक-दूसरे को स्पर्श करें। अब हाथों को पीछे की ओर ले जाते हुए दाएं हाथ से बाएं हाथ को पकड़ लें। रीढ़ को सीधा रखते हुए लगभग 1 मिनट तक गहरी सांसें लें। धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में आ जाएं।
वज्रासन
रात को खाने के बाद वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। यह पाचन के लिए सबसे फायदेमंद योगासनों में शामिल है। इस आसन के अभ्यास से ऊपरी शरीर और पेट को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है। खाली पेट वज्रासन के अभ्यास की सलाह दी जाती है लेकिन इस आसन को भोजन के बाद करना अधिक फायदेमंद होता है। वज्रासन नाड़ी को स्टिमुलेट करता है, जिससे खाना पचाने में आसानी होती है। यह सायटिका, नर्व से जुड़ी प्रॉब्लम और अपच से निजात दिलाने में मदद करता है। यह पेल्विक एरिया और पेट तक ब्लड फ्लो में सुधार लाता है, जिससे बाउल मूवमेंट में मदद मिलती है। यह शरीर में पौष्टिक तत्वों को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। यह लिवर फंक्शन में भी मदद करता है। यह पाचन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने में असरदार होता है। जिसे करने से हमारे स्वास्थ्य को काफी फायदा मिलता है।