बैन जैसे मामलों पर बोलना नहीं चाहता
- समय आने पर पटनायक से मिलूंगा
- विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में कर रहा काम : नीतीश कुमार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में बजरंग दल पर बैन लगाने की मांग के सवाल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टाल गए। उन्हीं की पार्टी के सांसद कौशेलेंद्र कुमार ने बुधवार को बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल, मैं ऐसे मामलों पर बोलना नहीं चाहता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अभी हम सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक बार सभी एकजुट हो जाएंगे तो हम सब एक साथ बैठेंगे और एक साझा एजेंडे के साथ सामने आएंगे। तब तक, मैं ऐसे किसी मामलों पर बोलना नहीं चाहता। इधर, विपक्षी एकता को लेकर भी मुख्यमंत्री ने बयान दिया। उन्होंने मीडिया में शुक्रवार को अपने ओडिशा दौरे पर जाने की चल रही खबर पर आश्चर्य जताया। उन्होंने नवीन पटनायक से मिलने की खबरों पर कहा कि मैंने कई नेताओं से मुलाकात की है। अभी कई और नेताओं से मुलाकात करुंगा लेकिन यह बहुत जल्द नहीं होने जा रहा है। नीतीश कुमार के इस बयान से संकेत मिल रहे हैं कि वे कर्नाटक में चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। वहां चुनाव खत्म होते ही वे एक बार फिर अपना विपक्षी एकजुटता का अभियान शुरू करेंगे।
अटल को किया याद
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल को याद किया और लगे हाथ केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने सभी की परवाह की और जब वह प्रधानमंत्री थे, तब हिंदू-मुस्लिम की कोई बड़ी समस्या नहीं थी। इसके साथ ही नीतीश कुमार ने रेल हादसे के दौरान अपने इस्तीफे की बात भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि एक दुर्घटना के बाद रेल मंत्री के होने के नाते मुझे इस्तीफा देना पड़ा। अटलजी को मेरा इस्तीफा स्वीकार करने के लिए मनाने में मुझे बहुत मशक्कत करनी पड़ी। कोई भी नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं देता है। मौजूदा व्यवस्था में अटल जी के लिए भी बहुत कम सम्मान है क्योंकि यह आज क्रेडिट लेने की होड़ लगी है।