ये गलतियां न करें भूलकर वरना पड़ेगा पछताना

कार्तिक पूर्णिमा का सनातन धर्म में क्या महत्व है यह बात किसी से छिपी नहीं है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार दीपावली के ठीक 15 दिनों के उपरांत कार्तिक पूर्णिमा आती है. कार्तिक माह की पूर्णिमा त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी विख्यात है. इस वर्ष यह पूर्णिमा दिन शुक्रवार तारीख 19 नंवबर को है. कार्तिक पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में खास महत्व है. इस अन्य पूर्णिमाओं के अपेक्षा बेहद खास दर्जा दिया गया है.कीर्तिक पूर्णिमा को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं. इस बार कार्तिक पूर्णिमा दिन शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 को है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था, यही कारण है कि इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं. इसका दूसरा नाम गंगा स्नान भी है. इस खास दिन पर नदियों में स्नान करना, दान देना दीपदान करना और अन्य प्रकार के धार्मिक अनुष्ठïान करने का खासा महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है.
ऐसी मान्यता है कि जो कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करता है उसे पूरे साल के गंगा स्नान करने का फल भी प्राप्त होता है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन किसी को भी बिना नहाए हुए नहीं रहना चाहिए. यदि हिन्दू धर्म की मान्यताओं की बात करें तो विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन श्रीहरि विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इस दिन तीर्थों, पवित्र नदियों आदि में स्नान करने का विधान हे.
ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. यदि संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करें. यदि आप ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो अपने नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर स्नान करें. इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि इस दिन कौन कौन से काम नहीं करने चाहिए वरना इस नुकसान आपको उठाना पड़ सकता है.

ये गलतियां पूर्णिमा के दिन करने से बचें

ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा एक बेहद पवित्र दिन होता है ऐसे में इस दिन व्यर्थ की चर्चा ओर बहस से आप दूर रहे इसके साथ ही आप किसी के भी साथ गलत व्यवहार न करें. .

ऐसी भी मान्यता है कि जहां तक हो इस दिन तामसी चीजों का सेवन ना करें. खासतौर इस दिन नॉनवेज और शराब का सेवन करना जीवन में संकटों को दावत देने के सरीखा है. इस बात का खास ध्यान रखें.

इस दिन दान देने का बहुत महत्व है. इस कारण इस दिन किसी असहाय अथवा गरीब का अपमान भूल कर भी न करें नहीं तो ये आपके संचित पुण्यों को नष्टï करने के लिए काफी है.

एक और खास बात ध्यान रखें कि इस दिन बाल काटना, नाखून काटना अथवा शेव बनाना या बनवाना आदि कार्यों को नहीं करना चाहिए वरना आपका तगड़ा नुकसान उठा सकते हैं.

ये है शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि शुरू: 18 नवंबर, गुरुवार को दोपहर 12 बजे से

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 19 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर 02:26 मिनट तक

प्रदोष काल मुहूर्त: 18 नवंबर शाम 05:09 से 07:47 मिनट तक

नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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