कोरोना काल में गंगा में बहती लाशों पर यूपी सरकार चुप, एनजीटी को नहीं सौंपी रिपोर्ट

4पीएम के संपादक संजय शर्मा की याचिका पर मई में एनजीटी ने मांगा था जवाब

  • 24 अगस्त को फिर होगी सुनवाई, कई बिंदुओं पर मांगी गयी थी रिपोर्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल में गंगा में बहती लाशों के मामले में 4पीएम के संपादक संजय शर्मा की याचिका पर राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सख्त रुख अपनाया है। एनजीटी ने मई में यूपी सरकार से कई बिंदुओं पर चार अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था लेकिन इन निर्देशों को अफसरों ने दरकिनार कर दिया और अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं की। जिस तरह 4पीएम के संपादक संजय शर्मा की याचिका पर एनजीटी गंभीर है उससे भविष्य में सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि 24 अगस्त को इस मामले पर फिर सुनवाई होनी है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा में तैरते शवों को लेकर एनजीटी ने मई में 4पीएम के संपादक संजय शर्मा की संक्रमित शवों के निस्तारण के लिए उचित प्रोटोकॉल के पालन का निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी। न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद की पीठ ने सरकार से पूछा था कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 और 2019 में कोरोना की शुरुआत से पहले और 2020, 2021 में महामारी शुरू होने के बाद तथा इस साल 31 मार्च तक गंगा नदी में कितने मानव शव तैरते देखे गये और कितने नदी किनारे दफनाये गये? पीठ ने यह भी पूछा था, कितने मामलों में यूपी सरकार ने शवों के दाह संस्कार या दफनाने के लिए वित्तीय सहायता दी? गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने या नदी के किनारे शवों को दफनाने से रोकने के लिए जागरुकता लाने तथा जन भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं? एनजीटी ने प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को इस विषय पर तथ्यात्मक सत्यापन रिपोर्ट चार अगस्त तक जमा करने को कहा था लेकिन इसे आज तक दाखिल नहीं किया गया। गौरतलब है कि 4पीएम ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और अपने यूट्यूब चैनल पर इसे विस्तार से दिखाया भी था। इस मामले में 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने सरकार से भी मामले पर संज्ञान लेने को कहा था लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने एनजीटी में जनहित याचिका दायरकी थी। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 24 अगस्त को होनी है।

सीबीआई जांच का सामना कर रहे सिसोदिया का दावा, कहा


भाजपा ने भेजा संदेश, ‘आप’ तोडक़र हमारे साथ आओ, खत्म कर देंगे केस

  • मेरे खिलाफ सारे मामले झूठे, खुद को बताया महाराणा प्रताप का वंशज
  • ट्वीट कर भाजपा पर साधा निशाना, लुकआउट नोटिस को करार दिया नाटक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आबकारी नीति में कथित धांधली को लेकर सीबीआई जांच का सामना कर रहे दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। सिसोदिया ने दावा किया कि उनके पास भाजपा से संदेश आया है कि आम आदमी पार्टी को तोडक़र भाजपा में आ जाओ, सारे केस वापस कर देंगे।
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, मेरे पास भाजपा का संदेश आया है, आप तोडक़र भाजपा में आ जाओ, सारे सीबीआई और ईडी के केस बंद करवा देंगे। मेरा भाजपा को जवाब, मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं, सिर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियों-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकूंगा नहीं। मेरे खिलाफ सारे केस झूठे हैं। जो करना है कर लो। इससे पहले मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। उन्होंने इस कदम को एक नाटक करार दिया। गौरतलब है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 17 नवंबर, 2021 से लागू आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित प्रक्रियात्मक गड़बड़ी और नियमों के उल्लंघन की पिछले महीने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने सिसोदिया के आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापे मारे थे। जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी।

महाराणा के वंशज भ्रष्टाचार का नहीं करते कारोबार : प्रवेश सिंह

भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि हम जातिधर्म की राजनीति नहीं करते और अब चोरी के आरोप में जेल जाना है तो जातिकार्ड खेलना शुरू। महाराणा प्रताप के वंशज दारू बेचने, भ्रष्टाचार का कारोबार नहीं करते। उन्होंने तो देशविरोधी ताकतों को खत्म किया था और आप सब देशविरोधी ताकतों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने में विश्वास रखते हैं।

किसानों ने दिल्ली में फिर डाला डेरा की महापंचायत

  • गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को लिया गया हिरासत में
  • जगह-जगह लगा भीषण जाम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने एक बार फिर दिल्ली में डेरा डाल दिया है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों ने जंतर-मंतर पर महापंचायत की। वही गाजीपुर बॉर्डर पर कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर के बार्डर समेत कई मार्गों पर भीषण जाम लगा रहा। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत आधा दर्जन से अधिक मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य किसान संगठनों की दिल्ली के जंतर-मंतर पर महापंचायत शुरू हो गई है। महापंचायत को बलदेव सिंह सिरसा समेत कई नेताओं ने संबोधित किया। वहीं, उत्तर प्रदेश से दिल्ली के जंतर-मंतर जा रहे यूपी के किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका गया तो वे धरने पर बैठ गए। पुलिस ने इनको हिरासत में लिया है। दिल्ली-नोएडा-बार्डर के साथ दिल्ली-सिंघु बार्डर पर भी जाम लगने लगा है। सोनीपत स्थित दिल्ली-सिंघु बार्डर चेकिंग के चलते कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

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