प्रसाद में चर्बी से लोगों की आस्था को पहुंची चोट, नायडू के बयान ने मोदी को दिया झटका!
आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है.... बीते दिनों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सवाल उठाते हुए कहा था कि तिरूपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का प्रयोग किया जाता है....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है…. बीते दिनों आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सवाल उठाते हुए कहा था कि तिरूपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का प्रयोग किया जाता है…. जिसके बाद से पूरे देश में सियासत उफान पर है… और यह दावा करोड़ो श्रधालुओं की आस्था से भी जुड़ा हुआ था… आपको बता दें कि चंद्र बाबू नायडू मौजूदा समय में एनडीए के सहयोगी है… मोदी जबसे सत्ता में आए हैं… तभी से धर्म की राजनीति करना शुरू कर दिया है… और जनता को धर्म के नाम से तोड़ने और जोड़ने का काम कर रहें है… लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का सबसे बड़ा और मुख्य मुद्दा राम मंदिर का रहा है… अपने वोट के लिए और चुनाव को देखते हुए नरेंद्र मोदी ने आधी- अधूरी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कर दिया और उसका पूरा श्रेय खुद लेने की कोशिश की… लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद से मोदी ने राम का नाम लेना तक बंद कर दिया… मोदी ने दो हजार चौदह से सत्ता में आने के बाद से सिर्फ जनता को तोड़ने का काम किया है… अपनी सत्ता के मद में चूर मोदी ने जनका की समस्याओं को किनारे कर दिया है… वहीं अब आंध्र प्रदेश के तिरूपति बालाजी प्रसाद मामले ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है… वहीं प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने को लेकर पूरे संत समाज में भारी नाराजगी है… और संतो ने श्री तिरूपति बालाजी ट्रस्ट को भंग करने की मांग की है…
आपको बता दें कि तिरूपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के दावे के चलते प्रसाद में उपयोग होने वाले घी को जांच के लिए लैब भेजा गया था… जिसकी जांच रिपोर्ट सामने आई है…. जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाने के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है…. इस पूरे घटनाक्रम से पूरे देश के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है….. संत कह रहे हैं कि तत्काल प्रभाव से मंदिर का ट्रस्ट बोर्ड भंग किया जाना चाहिए…. चूंकि, ये मामला सीधे तौर पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा है…. वही अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद बड़ा सवाल उठता है कि किसके सह और मिलीभगत के चलते बालाजी के प्रसाद कें फिश आय़ल और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया… और पवित्र प्रसाद में किसने मिलावट करवाई… और क्यों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया… सहित तमाम प्रश्न जनता के मन में उठ रहें है… रूपये कमाने के लिए कोई भी इतनी हद तक गिर सकता है… और लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ कर सकता कह पाना भी मुश्किल है… केंद्र में पिछले दस सालों से सत्ता में काबिज मोदी अब इस मामले पर भी चुप है… बता दें कि मंदिर-मस्जिद के नाम पर वोट लेने वाले मोदी… अब प्रसाद में घी की जगह फिश ऑयल और चर्बी के मिलावत को लेकर बोलने को तैयार नहीं है… इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं मोदी की सह पर ही तो यह कारोबार तो नहीं चल रहा था… और जनता की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था… क्योंकि साहब लोकसभा चुनाव हारने के बाद से काफी बौखलाए हुए है… और जनता से अपनी हार का बदला लेने के लिए अवर्गल बयानवाजी करते रहते हैं….
दरअसल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को दावा किया कि पिछली सरकार में तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी….. और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था….. इसी साल जून में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारी…. और नायूड ने एनडीए की सरकार बनाई…. जिसके बाद 9 जुलाई को मंदिर बोर्ड ने घी के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन लैब भेजे और 16 जुलाई को लैब रिपोर्ट आई….. इसमें एक फर्म के घी में मिलावट पाई गई…. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की फूड लैब काल्फ ने बताया कि जानवरों की चर्बी…. और फिश ऑयल से तैयार घी में प्रसादम के लड्डुओं बनाए जा रहे हैं…. बता दें कि CALF (पशुधन और फूड में एनालिसिस और लर्निंग सेंटर) गुजरात के आनंद में स्थित NDDB (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) में विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला है.,…. हालांकि, 22 जुलाई को मंदिर ट्रस्ट ने बैठक की…. और फिर 23 जुलाई को घी के सैंपल लिए गए… और जांच के लिए लैब भेजे गए…. इसकी रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई…. सीएम नायडू ने सीधे तत्कालीन जगन सरकार को कठघरे में खड़ा किया…. नायडू सरकार ने कहा कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार ने हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है…. मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई है… और लोगों की आस्था से भी बहुत बड़ा खिलवाड़ हुआ…. मेरी सरकार आने के बाद इस पर रोक लगाई गई है…. जो अभी रिपोर्ट सामने आई है…. वो जुलाई की है….
बता दें कि एनडीए को विपक्ष पर सवाल उठाने के लिए कोई न कोई मुद्दा होना चाहिए… जिससे वो अपनी हार की भड़ास को विपक्ष पर निकाल सकें मोदी के बयानों को सुनकर भी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मोदी के बयानवाजी का स्तर कितना गिर गया है… विपक्ष पर आस्था के साथ के खिलवाड़ का आरोप लगाने वाले हमेशा से हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए चले आ रहें है… और मोदी की राजनीति का शिकार हमेशा से हिंदू ही हो रहें है… आपको बता दें कि खुद को हिंदू का शुभचिंतक कहने वाली सरकार की सारी सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है…. अब कुछ भी जनता से छुपा हुआ नहीं है… वहीं जांच में पता चला है कि इन लड्डुओं में जिस घी का इस्तेमाल हो रहा था….. वो मिलावटी था…. इसमें फिश ऑयल, एनिमल टैलो और लार्ड की मात्रा पाई गई है….. एनिमल टैलो का मतलब पशु में मौजूद फैट से होता है…. इसमें लार्ड भी मिला हुआ था…. लार्ड का मतलब जानवरों की चर्बी से होता है…. इसी घी में फिश ऑयल की मात्रा भी पाई गई है…. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम लड्डू में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, अलसी, गेहूं के बीज, मक्का के बीज, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल और पाम कर्नेल वसा, पाम तेल और बीफ टेलो (गौमांस की चर्बी), लार्ड शामिल है….
तिरुपति मंदिर देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है….. यहां हर साल करीब तीन करोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं…. यानी रोजाना करीब 82 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं…. करीब 3.50 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं…. सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में लड्डू दिए जाते हैं…. इस पूरी व्यवस्था का संचालन उस कमेटी के द्वारा किया जाता है…. जिसका गठन हर दो साल में आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार करती है…. इस कमेटी का नाम है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्…. यही कमेटी प्रसाद के लड्डुओं को बनाने के लिए सभी सामग्री को खरीदती है….. फिर इसी कमेटी के वॉलेंटियर्स द्वारा इन लड्डुओं को तिरुपति मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पहले से निर्धारत कीमतों पर बेचा जाता है…. आपको बता दें कि बीते 50 साल से कर्नाटक कॉपरेटिव मिल्क फेडरेशन रियायती दरों पर मंदिर कमेटी को शुद्ध देसी घी सप्लाई कर रहा था….. जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से इनकार कर दिया….. उसके बाद तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 5 फर्म को घी सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी…. इसी साल जुलाई में सैंपल में गड़बड़ी पाए जाने के बाद नायडू सरकार अलर्ट हुई…. और 29 अगस्त को फिर KMF को सप्लाई का काम सौंप दिया….
दरअसल, KMF, नंदिनी ब्रांड का घी सप्लाई करता है…. अगस्त 2023 में जब जगन मोहन सरकार थी….. उस समय KMF के अध्यक्ष भीमा नाइक ने आरोप लगाया था कि मंदिर ट्रस्ट कम गुणवत्ता वाला घी खरीद रहा है….. इस पर ट्रस्ट बोर्ड के तत्कालीन अधिकारी एवी धर्म रेड्डी ने नाइक के आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था….. मंदिर ट्रस्ट सिर्फ उन सप्लायर्स से गाय का घी खरीदता है…. जो ई-टेंडर प्रक्रिया के जरिए समझौता ना करने वाली गुणवत्ता…. और कम से कम लागत के दोहरे मापदंड को पूरा करते हैं… और उन्होंने यह भी कहा था कि चूंकि KMF टेंडर प्रक्रिया का पात्र नहीं था….. इससे पहले वो समय पर खेप पहुंचाने में भी विफल रहा है…. विवाद के बाद सरकार ने कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था….. उससे करार खत्म कर दिया है….. उसे ब्लैक लिस्ट किए जाने की तैयारी है….. मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई है…. संबंधित कंपनी को सालभर पहले ही सप्लाई का टेंडर मिला था….. फिलहाल, अब मंदिर बोर्ड ने घी की गुणवत्ता… और निगरानी के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है….
आपको बता दें कि अगस्त में नायडू सरकार ने मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसादम को लेकर व्यवस्था बदलाव में किया है….. वहीं अब बिना दर्शन के लड्डू पाने वाले भक्तों के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया है….. भक्त अब दो लड्डू प्राप्त करने के लिए निर्धारित काउंटर्स पर अपना आधार कार्ड रजिस्टर्ड करा सकते हैं…… दर्शन के लिए टोकन लेने वाले भक्त पहले की तरह एक मुफ्त लड्डू प्राप्त करने के अलावा अतिरिक्त लड्डू खरीद सकते हैं…. फिलहाल, अब तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के बीच घमासान छिड़ गया है…… तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने कहा कि पवित्र लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी….. और मछली के तेल मिलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए…. कर्नाटक बीजेपी ने भी जगन मोहन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ हमला बोला है…. बीजेपी कह रही है कि आंध्र प्रदेश में पिछली सरकार ने तिरुपति मंदिर बोर्ड में गैर-हिंदुओं को नियुक्त किया था…. जिससे हमारी पवित्र परंपराओं से समझौता हुआ….
वाईएसआरसीपी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए जघन्य आरोप लगाने का दावा किया है….. वहीं, टीडीपी लैब रिपोर्ट के जरिए जगन मोहन की पार्टी को घेर रही है….. बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा…. और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री… और एनिमल फैट का उपयोग करवाया…. टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा प्रदान किए गए घी के सैंपल में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है…. और उन्होंने कथित लैब रिपोर्ट दिखाई…. जिसमें स्पष्ट रूप से दिए गए घी के सैंपल में बीफ टैलो…. लार्ड और फिश ऑयल की पुष्टि की गई…. हालांकि, मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई…. वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि नायडू के आरोपों ने मंदिर की पवित्रता की बुनियाद हिलाई है…. और भक्तों की भावनाओं को आहत किया है…. सुब्बा रेड्डी 4 साल तक मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं….
बता दें कि सुब्बा रेड्डी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि मैं एक हिंदू हूं और वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करता हूं…… और उन्होंने सीएम नायडू को चुनौती दी कि वो भगवान के सामने आकर कसम खाएं कि उनके आरोप सही हैं या गलत…… अगर नायडू अपने आरोपों को साबित करने… और सबूत देने में विफल रहते हैं…. तो हम कानूनी सहारा लेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे…. वहीं वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता बी करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए आरोप लगाए…. करुणाकर रेड्डी भी ट्रस्ट बोर्ड के दो बार अध्यक्ष रहे हैं….. वहीं, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की….. आंध्र प्रदेश बीजेपी ने कहा कि पिछली सरकार में हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाले सभी मुद्दों की तुरंत जांच की जानी चाहिए…… केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने वाले हिंदुओं की आस्था के साथ गहरा विश्वासघात हुआ है….