दिनचर्या की गलत आदतों से हो जाता है फैटी लिवर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
आजकल फैटी लिवर रोग एक तेजी से बढ़ती हुई और चिंताजनक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जहां हमारे लिवर में सामान्य से अधिक फैट जमा हो जाती है। यह कोई साधारण बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जिसके दूरगामी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। फैटी लिवर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है- अल्कोहलिक फैटी लिवर, जो शराब के अत्यधिक सेवन से जुड़ा है, और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर, जिसका संबंध हमारी आधुनिक, अक्सर खराब जीवनशैली से है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यदि इस रोग पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक कि लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है। भारत में लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, और इसकी जड़ में अक्सर हमारी दिनचर्या की कुछ गलत आदतें ही देखने को मिलती हैं।

अधिक तला-भुना और प्रोसेस्ड भोजन

फास्ट फूड, तले हुए स्नैक्स और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में सैचुरेटेड फैट और चीनी की मात्रा अधिक होती है, जो लिवर में फैट जमा करती है। नियमित रूप से जंक फूड खाने से लिवर पर दबाव पड़ता है और सूजन बढ़ती है। इसके बजाय, हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दाल और पनीर, डाइट में शामिल करें।

गतिहीन जीवनशैली

लंबे समय तक बैठे रहना और व्यायाम की कमी मोटापे और फैटी लिवर का कारण बनती है। गतिहीन जीवनशैली मेटाबॉलिज्म को धीमा करती है, जिससे वसा लिवर में जमा होने लगती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की सैर, योग या हल्का व्यायाम करें। यह लिवर को स्वस्थ रखता है और वजन नियंत्रित करता है। नियमित शारीरिक गतिविधि रक्त संचार को भी बेहतर बनाती है।

शराब का सेवन

शराब फैटी लिवर का सबसे प्रमुख कारणों में से एक है। यह लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और उसमें फैट को बढ़ाती है। अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग समय के साथ सिरोसिस में बदल सकता है। कम मात्रा में भी शराब का सेवन आपके लिवर को प्रभावित करता है, इसलिए शराब नहीं पीना चाहिए। इसके बजाय गुनगुना पानी, हर्बल चाय या नींबू पानी पिएं। साथ ही लिवर को डिटॉक्स करने के लिए पर्याप्त पानी (2-3 लीटर रोज) पिएं। इसके अलावाकई बार खराब नींद, अपर्याप्त नींद यानी 6 घंटे से भी कम नींद लेना, दिन के समय एक घंटे से अधिक नींद लेना जैसी आदतें भी फैटी लीवर के बिगडऩे से संबंधित हैं। ऐसे में अपनी दिनचर्या में पर्याप्त नींद लेने की आदत को शामिल करके लिवर को दुरुस्त रख सकते हैं।

फैटी लिवर का इलाज

फैटी लीवर रोग एक मिथ्या नाम है। यह वास्तव में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि किसी ना किसी अन्य कारणों से यह समस्या होती है। उपचार का उद्देश्य फैटी लिवर रोग के कारणों जैसे शराब का सेवन, डायबिटीज, मोटापा, हाइपोथायरॉयडिज्म, स्लीप डिसऑर्डर, गतिहीन जीवन आदि को नियंत्रित करना चाहिए।

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन फैटी लिवर रोग का एक प्रमुख कारण है। चीनी खाने से लिवर में फैट बढ़ती है। जब हमारा लिवर ज्यादा चीनी पचाता है, तो वह उसे ट्राइग्लिसराइड्स नाम के फैट में बदल देता है। इसी वजह से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति समय के साथ लिवर में सूजन और सिरोसिस का कारण बन सकती है। इसलिए इस समय लो कैलोरी फूड्स खाएं। यह फैटी लिवर में सबसे अधिक असरदार होता है। अपने खाने में प्रतिदिन 500 से 750 कैलोरी घटाएं और 1000 से 1500 कैलोरी का सेवन करें। इसके अलावा, बिना एल्कोहल के मेडिटेरेनियन डाइट का सेवन भी कर सकते हैं।

Related Articles

Back to top button