पश्चिम बंगाल में वित्तीय मंदी : राज्यपाल
- गवर्नर सीवी बोस ने ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
- राज्य में वित्तीय स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग
- धन का हो रहा दुरुपयोग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और प्रदेश सरकार के बीच लगातार तनातनी का माहौल बना रहता है। अब एक बार फिर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार पर कुछ आरोप लगाए हैं। गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा कि राज्य के वित्तीय प्रबंधन में कई खामियां हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर फंड को डायवर्ट करने का भी आरोप लगाया।
राज्यपाल बोस ने आगे कहा कि यह देखना राज्यपाल का कर्तव्य है कि सरकार का कामकाज संविधान के तहत हो। मुझे भारतीय रिजर्व बैंक और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के विश्लेषण से अनियमितताओं की जानकारी मिली है। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि प. बंगाल में वित्तीय मंदी है। धन का दुरुपयोग किया जा रहा। गरीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित धन का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की कई फिजूलखर्चियों को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने राज्य में वित्तीय स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। मैं एक दिवालिया राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में तथ्यात्मक स्थिति देखना चाहता हूं।
मुख्यमंत्री से जानकारी मांगना राज्यपाल की जिम्मेदारी
सांविधानिक रूप से राज्यपाल इसके लिए सक्षम है। प्रशासन के किसी भी पहलू पर मुख्यमंत्री से जानकारी मांगना राज्यपाल की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री के लिए राज्यपाल को इस प्रकार की जानकारियां देना वैधानिक है। मैं इसका इंतजार करूंगा। पिछले महीने बोस ने बजट को जन-समर्थक बताया था। उन्होंने कहा था कि यह बंगाल सरकार के लिए केंद्र की ओर से आवंटित धन को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने का एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का कहना है कि ‘निष्क्रिय राज्यपाल’ की अवधारणा अब पुरानी हो गई है। उन्होंने कहा कि अब निर्वाचित मुख्यमंत्री को सरकार का अग्रणी चेहरा बनना चाहिए। इसके अलावा राज्यपाल को निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में पृष्ठभूमि में होना चाहिए।