यूक्रेन में बमबारी के बीच एक भारतीय छात्र की मौत, विदेश मंत्रालय ने की पुष्टी
One Indian student killed in Ukraine bombing, confirms Ministry of External Affairs
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। यूक्रेन में रूसी हमलों के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। ऐसे में दुखद खबर सामने आई है। एक हवाई हमले में खारकीव में भारतीय छात्र की मौत हो गई है। जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है। रूस ने यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में आज सुबह से हमले तेज कर दिए हैं।
अरिंदम बागची ने कहा कि यह बताते हुए मुझे बड़ा दुख है कि खारकीव में जो हवाई हमले हो रहे हैं, उसमें एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। फिलहाल मंत्रालय छात्र के परिवार के साथ संपर्क में है। परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
Foreign Secretary is calling in Ambassadors of Russia and Ukraine to reiterate our demand for urgent safe passage for Indian nationals who are still in Kharkiv and cities in other conflict zones.
Similar action is also being undertaken by our Ambassadors in Russia and Ukraine.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) March 1, 2022
अरिंदम बागची ने आगे बताया कि भारतीय विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के राजदूतों से संपर्क में हैं। इसमें यह मांग उठाई गई है कि भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया जाए क्योंकि कई छात्र अभी खारकीव और अन्य शहरों में फंसे हुए हैं।
इस घटनाक्रम के बाद भारत ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को तलब किया है। वहीं इस घटनाक्रम के साथ भारत ने यूक्रेन में फंसे नागरिकों को जल्द से जल्द निकालने पर प्रतिबद्धता जताई है।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से आज तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया है। दूतावास ने ट्वीट किया, ‘छात्रों सहित सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे आज तत्काल कीव छोड़ दें। उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य उपलब्ध माध्यम के जरिये’। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी यूक्रेन की सीमा चौकियों के जरिए बाहर निकाल रहा है। सोमवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने छात्रों को राजधानी कीव में रेलवे स्टेशन पहुंचने की सलाह दी थी, ताकि वे युद्धग्रस्त देश के पश्चिमी हिस्सों तक आगे की यात्रा कर सकें।