पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ईडी के सामने हुए पेश
मानेसर लैंड स्कैम मामले में पूछताछ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अंबाला। प्रवर्तन निदेशालय की टीम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ कर रही है। उनसे यह पूछताछ मानेसर लैंड स्कैम में हो रही है। मालूम हो हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हुए बहुचर्चित मानेसर जमीन घोटाला मामला सामने आया था। इसी मामले में अन्य आरोपियों के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा को भी आरोपित बनाया गया था।
आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम के मानसेर, नौरंगपुर और नखड़ौला आदि गांवों के किसानों को भूमि अधिग्रहण का डर दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन सस्ते दाम में खरीद ली थी। जिसे हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम में बेच दिया था।
मणिशंकर अय्यर की बेटी के संस्थान का एफसीआरए पंजीकरण रद्द
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने नई दिल्ली में अग्रणी सार्वजनिक नीति अनुसंधान संस्थान सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020, (एफसीआरए पंजीकरण) को रद्द कर दिया। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च एक थिंक टैंक है जिसका नेतृत्व कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर करती हैं। अधिकारियों के अनुसार, पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई तब की गई जब यह पता चला कि संस्था एफसीआरए नियमों का उल्लंघन कर रही है। थिंक टैंक पहले से ही सरकार की जांच के दायरे में था और पहले एक आयकर सर्वेक्षण से गुजर चुका था। सितंबर 2022 में आयकर विभाग ने सीपीआर और दो अन्य संगठनों ऑक्सफैम इंडिया और बेंगलुरु स्थित इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन (आईपीएसएमएफ) के खिलाफ उनकी विदेशी फंडिंग की जांच के लिए एक सर्वेक्षण अभियान चलाया। पिछले साल सरकार ने सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस 180 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था। बाद में निलंबन को 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। सीपीआर 1973 से एक अग्रणी नीति थिंक-टैंक है, जो भारत की 21वीं सदी की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नीति-प्रासंगिक मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर उन्नत और गहन शोध करता है।