बजट से हर वर्ग में बढ़ी निराशा: अखिलेश
शिवपाल बोले- रोजगार व कारोबारी हितों की अनदेखी
- कागजी नाव जैसा है मोदी सरकार का बजट : आशुतोष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है। पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी? भाजपा महंगाई व बेरोजगारी को और बढाया है। किसान, मजबूत, युवा , महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ी है। ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए है।
इसी तरह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा लायन सफारी का एक वीडियो ट्वीट करते हुए भाजपा पर तंज कसा है। इस वीडियो में शेर दहाड़ रहा है और दीवार खुरच रहा है। सपा अध्यक्ष ने लिखा कि शायद इटावा लायन सफारी का चे सच्चा परंतु भूखा शेर इसलिए गुस्से में है क्योंकि भाजपा सरकार ने न तो उसके भोजन व रखरखाव के लिए सही बजट दिया और न ही जोड़तोड़ कर बनाए गए उसके मेक इन इंडिया के लौह प्रतीक को मान देते हुए पिछले 10 साल से कोई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट यूपी में लगाई है।
उधर, पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में रोजगार व कारोबारी हितों की अनदेखी की गई है। एमएसएमई व किसानों की आय बढ़ाने को लेकर बजट मौन है। नौजवानों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों व्यापारियों और विशेषकर मध्य वर्ग के लिए यह बजट छलावा है। यह आभासी स्क्रैच कार्ड है, जिसमें एक संदेश छुपा होता है – बेटर लक नेक्सट टाइम। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से कागजी नाव जैसा है। इसमें किसानों एमएसपी व ऋ णमाफी, पुरानी पेंशन, मदरसा शिक्षकों के केंद्रांश, महगाई पर कोई बात नहीं हुई है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा मद में भी कटौती हुई है।
चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया बजट : डिंपल यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बजट निराशाजनक बताया है। उन्होंने ने कहा, यह चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया बजट है। मध्यम वर्ग को कुछ छूट जरूर दी गई है लेकिन सरकार ने किसानों को एमएसपी, रोजगार और युवाओं के बारे में कुछ नहीं कहा है। इस बजट में रेलवे की भी अनदेखी की गई। यह निराशाजनक बजट रहा है। डिंपल यादव ने कहा बजट में किसानों को एमएसपी, रोजगार और युवाओं के बारे में कुछ नहीं कहा है। यह आगामी चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है। इस बजट में रेलवे की भी अनदेखी की गई। यह निराशाजनक बजट रहा है।