छपरा में अटक गया काशी से चला गंगा विलास क्रूज
छपरा। वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज बहार के छपरा में फंस गया। मामला जिले के डोरीगंज इलाके का है, जहां गंगा नदी में पानी कम होने की वजह से क्रूज को किनारे पर लाने में मुश्किल हो रही है। इस सूचना के मिलते ही प्रशासन तुरंत अलर्ट हुआ। एसडीआरएफ की टीम छोटी नाव के जरिए सैलानियों को चिरांद लाने की कोशिश में जुट गई है। ये सैलानी चिरांद के पुरातात्विक महत्व को देखेंगे।
छपरा से 11 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में डोरीगंज बाजार के पास स्थित चिरांद सारण जिले का सबसे महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है। घाघरा नदी के किनारे बने स्तूपनुमा भराव को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभाव और उतार-चढ़ाव से जोडक़र देखा जाता है। हालांकि, छपरा में जैसे ही गंगा विलास क्रूज पहुंचा नदी में पानी कम होने की वजह से किनारे पहुंचने परेशानी होने लगी। ये गंगा नदी में कम पानी के चलते फंस गया। लेकिन सैलानियों को चिरांग पहुंचने में परेशानी नहीं हो इसके लिए एसडीआरएफ की टीम तुरंत एक्टिव हो गई।
चिरांद छपरा का अहम पुरातत्व स्थल है, भारत में यह नव पाषाण काल का पहला ज्ञात स्थल है। सैलानियों को लाने की व्यवस्था में लगे छपरा के सीओ सतेंद्र सिंह ने बताया कि चिरांद में सैलानियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। घाट पर एसडीआरएफ की टीम तैनात है ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति पर तुरंत एक्शन लिया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी कम होने के कारण क्रूज को किनारे लाने में दिक्कत हो रही है। लिहाजा छोटे नाव के जरिए सैलानियों को लाने का प्रयास किया जा रहा।
इससे पहले जब गंगा विलास क्रूज बक्सर पहुंचा तो वहां ढोल-नगाड़े से सैलानियों का भव्य स्वागत किया गया। इस क्रूज पर देसी और विदेशी मिलाकर कुल 31 सैलानी सवार हैं। सुरक्षा-व्यवस्था के बीच बक्सर शहर में घूमने के लिए सैलानी गए और फिर वापस लौट कर क्रूज पर चले आए। भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो गंगा विलास भारत में निर्मित पहला जलयान है। ये आधुनिक सुविधाओं से लैस और पूरी तरह से सुरक्षित है।
गंगा विलास क्रूज में खास बातें भी हैं। इसकी स्पीड अपस्ट्रीम में 12 किलोमीटर प्रति घंटा और डाउनस्ट्रीम 20 किलोमीटर तक है। पीने के पानी को लेकर क्रूज में आरओ सिस्टम है, इसके साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी है। क्रूज में लोगों की सहूलियत को लेकर और उनकी जरूरत की तमाम जरूरी सुविधाएं मौजूद है। किराये की बात करें तो भारत में इसका किराय एक दिन का 25 हजार रुपये है। वहीं बांग्लादेश में 50 हजार रुपये एक दिन का किराया रखा गया है।