पुरानी फाइलें खुलवाना पड़ेगा महंगा, भडक़े राउत
नई दिल्ली। बिहार पुलिस कौन है? बिहार पुलिस पर विश्वास है, महाराष्ट्र पुलिस पर नहीं? सीबीआई पर नहीं? सीबीआई ने साफ कहा है कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की, इसके बावजूद आदित्य ठाकरे का नाम घसीट कर शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने नीचता की मिसाल दी है. उन पर खुद रेप और यौन शोषण के केस हैं. कल तक वे जिस थाली में खा रहे थे, उसी में छेद कर रहे हैं. इन लहजों में ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सीएम एकनाथ शिंदे, सांसद राहुल शेवाले पर आज (22 दिसंबर, गुरुवार) जमकर हमला बोला.
संजय राउत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये पुरानी फाइल्स खोला-खोली की लड़ाई बीजेपी और शिंदे गुट को महंगी पड़ेगी. 2024 तक जो करना है ये कर लें. 2024 में शिवसेना की सरकार बनेगी. तब आप लोगों की फाइलें खुलेंगी. ऐसी बहुत फाइलें हम भी खुलवा सकते हैं. राज्य कैसे चलाया जाता है देखिए पड़ोसी राज्यों में. गुजरात में महाराष्ट्र से उद्योग ले जाया जा रहा है. कर्नाटक महाराष्ट्र के गांवों को ले जा रहा है और यहां एकनाथ शिंदे बस दूसरी पार्टियों में फोड़ाफोड़ी को अंजाम देने में ही व्यस्त हैं. भ्रष्टाचार में लिप्त है. यह सरकार अपने भ्रष्टाचार के बोझ से ही गिर जाएगी.
कल लोकसभा में राहुल शेवाले ने आरोप लगाया था कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत से पहले रिया चक्रवर्ती के फोन पर ्र नाम से 44 कॉल्स आए थे. बिहार पुलिस ने एयू नाम का मतलब आदित्य उद्धव से लगाया था. रिया चक्रवर्ती की लीगल टीम ने इसका मतलब अनन्या उदास बताया था. सच क्या है, यह सामने लाया जाए क्योंकि सीबीआई ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. राहुल शेवाले के इस आरोप के बाद महाराष्ट्र में ठाकरे गुट की ओर से एकनाथ शिंदे गुट पर जोरदार हमले शुरू हो गए हैं.
बीजेपी विधायक नितेश राणे ने इस मामले में आज कहा कि हम तो पहले से ही कहते आए हैं कि सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियन की मौत के मामले में आदित्य ठाकरे का हाथ है. अब शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने भी यह मामला उठाया है. मेरी मांग है कि जिस तरह से श्रद्धा वालकर के केस में आफताब पूनावाला का नार्को टेस्ट करवाए जाने से सच सामने आया, उसी तरह आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट करवाया जाए. तभी सच्चाई सामने आएगी.
कल आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि जिस तरह से सीएम एकनाथ शिंदे पर नागपुर जमीन घोटाले के आरोप लगे हैं और जिस तरह से महापुरुषों के अपमान के मुद्दे पर राज्य सरकार राज्यपाल को बचाने में लगी है, इन मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बेसलेस मुद्दे उछाले जा रहे हैं. मुझे इस कीचड़ में नहीं पडऩा है. आरोप लगाने वाले सांसद की शादीशुदा जिंदगी को बचाने के लिए ठाकरे परिवार को आगे आना पड़ा था.
इस तरह लोकसभा के रिकॉर्ड से राहुल शेवाले के आरोप को हटा दिया गया , इसके बावजूद सुशांत सिंह राजपूत की मौत से ठाकरे कनेक्शन का यह मुद्दा एक बार फिर महाराष्ट्र में गरमा गया है.