टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत, अगली सुनवाई तक ईडी की कठोर कार्रवाई पर रोक
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट से तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल को राहत मिली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने श्वष्ठ को अगली सुनवाई तक अनुब्रत मंडल के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. सुनवाई के दौरान श्वष्ठ की तरफ से कोर्ट को मौखिक आश्वासन दिया गया कि वह 9 जनवरी तक ञ्जरूष्ट नेता अनुब्रत मंडल के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जारी किए गए पेशी वारंट को क्रियान्वित नहीं करेगी.
दिल्ली हाईकोर्ट में अनुब्रत मंडल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए श्वष्ठ के वकील द्वारा दिए गए बयान को रिकॉर्ड पर लिया. श्वष्ठ से कहा कि वो अगली सुनवाई तक निचली अदालत से मंडल के खिलाफ जारी प्रोडक्शन वारंट पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. इस मामले में अगली सुनवाई कोर्ट 9 जनवरी को करेगी.
बता दें कि करोड़ों रुपये की पशु तस्करी के मामले में आरोपी ञ्जरूष्ट नेता अनुब्रत मंडल को श्वष्ठ द्वारा आसनसोल जेल से दिल्ली लाकर पूछताछ करने की मांग को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, निचली अदालत ने श्वष्ठ को इजाजत दी थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट के 19 दिसंबर के उसी आदेश को अनुब्रत मंडल ने दिल्ली हाईकोर्ट मे चुनौती दी है.
हालांकि, मंगलवार को ही पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने अनुब्रत मंडल को हत्या की कोशिश के मामले में 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट को मौखिक आश्वासन दिया कि वह धन शोधन के एक मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को यहां पेश करने के एक वारंट पर नौ जनवरी तक अमल नहीं करेगा.
इस आश्वासन पर न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने मंडल की याचिका को नौ जनवरी, 2023 के लिए सूचीबद्ध किया. पशु तस्करी मामले में पश्चिम बंगाल की आसनसोल जेल में बंद मंडल ने दिल्ली की निचली अदालत के पेशी वारंट को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. निचली अदालत ने इस प्रकरण से जुड़े धन शोधन मामले में उन्हें यहां पेश करने का आदेश दिया है.
न्यायाधीश ने ईडी से कहा, नौ जनवरी को फिर से सूचित करें, तब तक आप इस पर नहीं अमल करें. मंडल की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और मुदित जैन ने कहा कि यदि ईडी यह बयान देता है कि वह पेशी वारंट पर अभी अमल नहीं करेगा, तो अदालत इस याचिका को जनवरी में सूचीबद्ध कर सकती है. इसके पहले दिन में न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी के समक्ष जब यह याचिका आई, तो उन्होंने इसे न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ को स्थानांतरित कर दिया, क्योंकि मंडल के अधिवक्ता ने कहा कि न्यायमूर्ति सिंह के समक्ष अन्य संबद्ध मामले पहले से लंबित हैं.
तत्कालिकता का हवाला देते हुए वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि याचिका को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया जाए. अदालत ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर यहां निचली अदालत की ओर से 19 दिसंबर को पेशी वारंट जारी किया गया था.बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी मंडल को इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 11 अगस्त को गिरफ्तार किया था.
ईडी के मुताबिक, उसने सीबीआई की ओर से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के तत्कालीन कमांडर सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद यह मामला दर्ज किया. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुमार और अन्य सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ मंडल कई करोड़ रुपये के पशु तस्करी गिरोह में शामिल थे.