ग्राम पंचायतें बनेंगी मॉडल तेजी से होंगे विकास कार्य
पहले चरण में 150 ग्राम पंचायतों का किया गया है चयन, ग्राम पंचायतों को करना होगा स्वमूल्यांकन
गीताश्री
लखनऊ। गांवों में विकास कराकर उन्हें मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में तैयार किया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में 150 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। योगी सरकार की इन गांवों को छह माह में मॉडल गांव बनाने की योजना है, ताकि अन्य गांवों को भी उसी तर्ज पर विकसित किया जा सके।
केंद्रीय पंचायतीराज मंत्रालय ने सतत विकास के लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर नौ बिंदुओं में बांटकर गांवों में कार्य कराने का निर्देश दिया है। प्रदेश के गांवों को पेयजल, स्वच्छता, जल संरक्षण, ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन आदि पर कार्य करते हुए राज्य व राष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार मिल चुके हैं। अब इन्हीं कार्यों को एक साथ कराकर गांवों को मॉडल ग्राम पंचायत बनाया जाएगा। इसके तहत संरचनात्मक ढांचे के विकास के साथ सामाजिक-आर्थिक व मानव विकास से संबंधित मानक तय किए गए हैं। इन बिंदुओं पर कार्य कराकर मॉडल ग्राम पंचायतों को खुद को आंकने के लिए स्वमूल्यांकन करना होगा, शत-प्रतिशत कार्य करने वाली पंचायतों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। मॉडल गांव बनाने के लिए सरकार की ओर से भेजे गए विभिन्न मदों का धन उपयोग किया जाएगा। छह माह में सभी मानकों को पूरा करने का निर्देश है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को भेजे आदेश में लिखा है कि जिलों को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी जनपदीय क्रियान्वयन व समन्वय समिति इसके लिए उत्तरदायी होगी। हर बिंदु में 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरे होने पर उसे मॉडल गांव माना जाएगा।