जीएसटी सुधार कोरी बयानबाजी: ओवैसी

- एआईएमआईएम प्रमुख का केंद्र पर तीखा हमला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार के इस दावे की आलोचना की कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में नवीनतम सुधारों से उपभोग बढ़ेगा और कहा कि पिछले एक दशक में इस तरह की बयानबाजी और संवाद से आम आदमी को कोई फायदा नहीं हुआ है। एआईएमआईएम नेता ने चेतावनी दी कि इन बदलावों के परिणामस्वरूप राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से 8,000-10,000 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
मीडिया से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में हमने जो भी बयानबाजी और संवाद देखे हैं, उनसे आम आदमी को कोई फायदा नहीं हुआ है। हम इसका स्वागत नहीं कर सकते क्योंकि इसका राज्यों के राजस्व और वित्त पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा और प्रत्येक राज्य को 8 से 10 हज़ार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। इस बीच, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जीएसटी दरों को दो स्लैब में तर्कसंगत बनाने के केंद्र के फैसले में देरी पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि वह 1 जुलाई, 2017 को इसे लागू करने के आठ साल बाद अपनी गलती का एहसास करने के लिए सरकार की सराहना करते हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन सहित कई अर्थशास्त्रियों ने कर ढांचे को लेकर चिंता जताई थी जब इसे पहली बार लागू किया गया था।



