महिला पहलवान यौन उत्पीडऩ मामले में हुई सुनवाई
बृजभूषण ने अदालत से कहा-गले लगाना अपराध नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन उत्पीडऩ के मामले में आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने अदालत के समक्ष तर्क रखा कि यौन इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना या छूना अपराध नहीं है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष आरोपी ने बुधवार को अपने खिलाफ आरोप तय करने का विरोध करते हुए अपने वकील के माध्यम से दलीलें दीं।
अदालत ने बुधवार को सिंह और सह-आरोपी और निलंबित डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने के बिंदु पर बहस शुरू की। सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने अदालत को आगे बताया कि आरोप कालातीत हैं। ये दिखावटी आधार यह नहीं मानेंगे कि शिकायतकर्ता खतरे में थे। यदि शिकायतकर्ता स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और पांच साल तक आप आगे नहीं आए और फिर यह कहना कि आप खतरे में थे, यह वैध स्पष्टीकरण नहीं है। वकील ने कहा कि अदालत के पास मामले की सुनवाई करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि अपराध कथित तौर पर भारत के बाहर किए गए हैं।अगर हम इन आरोपों को लें, तो भारतीय क्षेत्राधिकार इनमें से केवल तीन आरोपों में निहित है। भारत के बाहर किए गए अपराधों पर मंजूरी की कमी के कारण अदालत द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। दो अपराध अशोक रोड और सिरी फोर्ट से संबंधित हैं। सिरी फोर्ट में अपराध सिर्फ गले लगाने का है। किसी महिला को बिना किसी आपराधिक बल या यौन इरादे के छूना अपराध नहीं है।
मोहन ने कहा कि कुश्ती एक ऐसी प्रतियोगिता है, जिसके ज्यादातर कोच पुरुष ही होते हैं। महिला कोच दुर्लभ हैं। अगर कोई कोच किसी उपलब्धि के बाद खुशी के मारे किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है, तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता। घटना ऐसी है और अगर कोई पुरुष कोच किसी खिलाड़ी को चिंता के कारण गले लगाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। अदालत इस मामले पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी।