आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार को दिए ये आदेश

नई दिल्ली। दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत के बाद काफी हो रहा है. आप और बीजेपी इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि यह आशा किरण शेल्टर होम दिल्ली की राज्य सरकार के नियंत्रण में आता है, इसलिए इसके लिए आप जिम्मेदार है. वहीं दूसरी ओर आप का कहना है कि इस शेल्टर होम में जो अधिकारी हैं. वो एलजी ने नियुक्त किये है इसलिए ये बीजेपी की जिम्मेदारी है. इस समय ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट में भी चल रहा है. इस मामले में सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों को खूब फटकार लगाई. इस मामले की सुनवाई करते हुए शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा रह रहे लोगों को कोर्ट ने दूसरे शेल्टर होम में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि भीड़ होने के कारण लोगों के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं है. क्षमता से अधिक लोगों को दूसरे शेल्टर होम में भेजा जाए. इसको साथ ही बताया गया कि मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर की जाएगी.
कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम में रह रहे लोगों को तुरंत शिफ्ट करने के लिए एमसीडी और दिल्ली पुलिस को समाज कल्याण विभाग को सुविधा देने का निर्देश दिया है. इस मामले पर एमसीडी के वकील ने कहा कि हम इस कॉन्ट्रैक्ट को कई कॉन्ट्रैक्ट में बांटना चाहते हैं. कोर्ट ने कहा कि एक कॉन्ट्रैक्ट को अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट में विभाजित नहीं किया जा सकता. कई ठेकेदार एक-दूसरे के साथ समन्वय नहीं कर पाएंगे, जिससे अव्यवस्था पैदा होगी.
सुनवाई के दौरान वकील ने कोर्ट को बताया कि शेल्टर होम में वॉटर प्यूरिफिकेशन सिस्टम काम नहीं कर रहा था. कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में क्षमता से 400 ज्यादा लोगों की भीड़ है जोकि एक गंभीर मुद्दा है. बता दें, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत रोहिणी में चल रहे आशा किरण शेल्टर होम में जुलाई के महीने में 14 लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.

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