मिशनरी से ज्यादा सेवा हिंदू संत करते हैं: भागवत
- संघ प्रमुख ने कहा-भारत भविष्य की महाशक्ति
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जबलपुर। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मिशनरी से ज्यादा सेवा हिंदू संत करते हैं। साथ ही, उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया जाना चाहिए, भागवत ने कहा कि हमें समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करना है और समृद्धि लानी है.। भागवत, नरसिंह मंदिर में जगद्गुरु श्याम देवाचार्य महाराज की प्रतिमा के अनावरण सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए जबलपुर में थे।
यहां उन्होंने कहा कि आजकल मिशनरी का वर्चस्व है, लेकिन हमारे संत उनसे ज्यादा सेवा करते हैं ,मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह हमारे लिए गर्व की बात है, बल्कि मैं सच कह रहा है। सर संघचालक ने कहा कि आज हम ही नहीं, पूरी दुनिया कह रही है कि भारत भविष्य की महाशक्ति है। भारत विश्वगुरु बनने जा रहा है और हमें वह लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने काह शक्ति तो जरुरी होती है। बिना शक्ति के कोई काम नहीं होताा। लेकिन हम न किसी पर जीतेंगे और न किसी का धर्मान्तरण करेंगे। हमारी ताकत दूसरों को परेशान करने में नहीं, बल्कि कमजोरों की रक्षा करने में होगी। भारत ‘विश्व गुरु’ बनने जा रहा है, लेकिन उसे सद्भाव के साथ वह मुकाम हासिल करना चाहिए. भागवत ने कहा कि हिंदू समाज को शिक्षित करने से पूरे विश्व का कल्याण होगा। सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। भागवत ने आगे कहा धर्म कैसा होगा हम बताएंगे, भारत में उस धर्म का रूप कैसा होगा वो हम खड़ा करके दिखाएंगे। हम सब लोग धर्म का मार्ग पर चलेंगे। बता दें इससे पहले मुंबई के एक समारोह में मोहन भागवत ने कहा था कि भारत की विश्व गुरू की प्रगति की रफ्तार धामी करने के लिए हमारे देश के खिलाफ गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं।
धर्म के अलग होते ही राजनीति विधवा हो जाएगी : श्रीरामभद्राचार्य महाराज
सतना। सतना जिले में कथावाचन करते हुए हिंदू धर्मगुरु श्रीरामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि यदि धर्म से राजनीति अलग कर दोगे तो राजनीति विधवा हो जाएगी। रामचंद्र जी धर्म की नीति है, भारत होगा तब न भगवन होंगे, भारत भगवान का मंदिर है। वहीं, गुरुजी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि भगवान की पूजा कमल से ही होती है। इसलिए कमल खिलना आवश्यक है। श्रीराम कथा के दौरान मंच पर ब्रह्मर्षि डॉ. रामविलास बेदांती जी महाराज, शताब्दी महोत्सव के आयोजक श्रीमानसपीठ खजुरीताल के पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामललाचार्य जी महाराज, महंत राजीव लोचन शरण जी महाराज मैहर, महंत अयोध्या दास जी महाराज अयोध्या धाम, डॉ. राम अवतार शर्मा राम पथ गमन के अध्यक्ष, जगद्गुरु बिंदु बाध्यचार्य जी महराज अयोध्या, पद्मविभूषण श्रीरामभद्राचार्य जी महराज के शिष्य आचार्य हिमांशु जी और पंडित शशिकांत त्रिपाठी प्रमुख रूप से विराजमान रहे।