अयोध्या जाएं तो इन जगहों की भी करें सैर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या को भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में बसे हिंदुओं के लिए पवित्रतम तीर्थ माना जाता है। पुण्यदायिनी सरयू नदी की गोद में स्थित अयोध्या में कई ऐसे मंदिर हैं जो भक्तों को भगवान राम और उनके रामराज्य की अनुभूति कराते हैं। देश-विदेश से हिंदू राम मंदिर के दर्शन के लिए आना चाहते हैं। ऐसे में जो लोग अयोध्या में श्री राम लला के दर्शन के लिए आ रहे हैं, वह राम मंदिर के अलावा भी यहां कई पर्यटन स्थलों की सैर कर सकते हैं। राम मंदिर के अलावा भी अयोध्या में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की हर गली, हर घर में राललला के लिए लोरियां सुनाई देती हैं। करीब 8 हजार मठ-मंदिरों के इस शहर के हर मंदिर की की अपनी अलग मान्यताएं हैं, अपनी परंपराएं हैं। यकीनन जिले की कई ऐसी इमारतें हैं जो आज भी जीवंत हैं और उनका महत्व इतिहास के पन्नों में भी दर्ज है।
नागेश्वर नाथ मंदिर
अयोध्या में स्थित नागेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन के लिए भी जा सकते हैं। यह मंदिर शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल थेरी बाजार के मध्य में स्थित है। नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। एक बार कुश को समझाने के लिए भगवान भोलेनाथ अयोध्या आए थे तभी जहां भोलेनाथ जी प्रकट हुए थे, वहीं पर कुश ने नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना करा दी। जहां आज भी अयोध्या आने वाले श्रद्धालु मठ-मंदिर में दर्शन पूजन के साथ ही साथ यहां भी शिव को जल चढ़ाना नहीं भूलते। अब महाशिवरात्रि के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है।
कनक भवन
अयोध्या के इन्हीं मंदिरों में से एक है ‘कनक भवन’ जो स्वर्णमयी सुंदरता से परिपूर्ण है। इस मंदिर की विशेषता है कि इसकी संरचना जो एक विशाल महल की तरह है। कहा जाता है कि यह मंदिर एक महल ही था जिसे महाराज दशरथ ने अपनी पत्नी रानी कैकेयी के कहने पर देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी से बनवाया था। रानी कैकेयी की इच्छा के बाद महाराज दशरथ ने एक सुंदर महल का निर्माण करवाया। जब माता सीता अयोध्या आईं तब रानी कैकेयी ने उन्हें यह महल मुंह दिखाई में दे दिया था।
तुलसी स्मारक भवन
शहर में ही गोस्वामी तुलसीदास की याद में तुलसी स्मारक भवन भी बना है। इसी स्थान पर ही तुलसीदास जी ने 16वीं सदी में रामचरितमानस की रचना की थी। तुलसी स्मारक भवन महान संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास जी को समर्पित है। नियमित रूप से यहां प्रार्थना, भक्ति संगीत और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं। परिसर में स्थित अयोध्या शोध संस्थान के पास गोस्वामी तुलसीदास पर साहित्यिक रचनाओं का एक बड़ा भंडार है। संस्थान द्वारा तुलसी स्मारक सभागार में शाम को 6 से 9 बजे तक रामलीला का मंचन प्रमुख आकर्षण है।
गुलाब बाड़ी
नाम से ही स्पष्ट है कि यह गुलाबों और हरियाली से भरा बगीचा है। गुलाब बाड़ी वैदेही नगर में स्थित है। यह एक नेशनल हेरिटेज साइट है। इस स्थान पर अवध के तीसरे नवाब शुजा उद दौला, और उनके माता-पिता की कब्र है, जिसे 18वीं शताब्दी में बनवाया गया था। राम मंदिर के अलावा अयोध्या में गुलाब बाड़ी परिसर की खूबसूरती में यहां की बागवानी चार चांद लाती है। इमारत के चारों तरफ गुलाबों की बागवानी की गई है, जिसमें बेहद खूबसूरत अनेक प्रकार के गुलाब के पौधे लगाए गए हैं। इस बाग में लाल, गुलाबी, पीले, सफेद रंग के गुलाब खिलते हैं। जब यहां गुलाब के फूल खिलते हैं तो वह यहां आने वाले हर पर्यटक का दिल जीत लेते हैं।