गले में है खराश तो करें ये काम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गिरते तापमान के साथ ही ठंड ने जोर पकड़ लिया है। दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत में इस समय कोहरे का असर दिखने लगा है। वैसे भी सर्दियां आते ही अक्सर कई लोग खांसी-जुकाम का शिकार हो जाते हैं। साथ ही कुछ लोग इस मौसम में गले की खराश से परेशान रहते हैं। लगातार खांसी और गले में खराश जैसी समस्या जैसे बेहद आम हो गई है। वैसे तो खराश के लिए बाजार में तमाम तरह की दवाई और सिरप मौजूद है, जिनके इस्तेमाल से आपको तुरंत राहत मिलेगी लेकिन बाद में दूसरी परेशानियों की वजह बन जाती हैं। ऐसे में अगर आप भी इस सर्दी गले की खराश से परेशान हैं और बिना दवाई जल्द इससे आराम पाना चाहते हैं, तो इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं। इन नुस्खों से आप खांसी और खराश जैसी गंभीर समस्या से राहत पा सकते हैं। तो यदि आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो इन इन नुस्खों का इस्तेमाल जरूर करें।
भाप लें
भाप लेना सबसे आसान और असरदार इलाज है। संक्रमण को रोकने में इससे काफी फायदा मिलता है। इससे सांस लेने वाली नली तो ठीक रहती ही है और आपके फेफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं। सामान्य तौर पर भाप लेने का सबसे पुराना और घरेलू तरीके गर्म पानी है। लोग इसी से भाप लेते हैं। यह सबसे आसान भी है। लोगों को सिर पर तौलियां रखकर आंख बंद करके भाप लेनी चाहिए। इससे इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। बाजार के उपकरण से भी भाप ले सकते हैं, लेकिन इस दौरान ध्यान रखने की जरूरत है कि भाप गले और सांस लेने वाली नली के आखिर तक जानी चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। रोजाना दो से तीन बार भाप लेने से काफी फायदा मिलता है। खांसी व बंद नाक में भी इससे काफी राहत मिलती है। इससे गले में आराम मिलता है और बलगम भी साफ होता है। भाप लेने से कई अन्य परेशानियों से भी आपको राहत मिलेगी।
तुलसी वाली चाय पीएं
हर भारतीय घर में किचन गार्डन में तुलसी का पौधा होता है, इसलिए इस पौधे के ऐसे जबरदस्त फायदे हैं जो आपकी उंगलियों पर नहीं गिने जा सकते। कई स्वास्थ्य लाभों के कारण तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी कहा जाता है। तुलसी की चाय स्वास्थ्य को बढ़ाती है, जीवन को लम्बा करती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। गले की खराश को साफ करने के लिए आप तुलसी वाली चाय का सेवन कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप अदरक, इलायची, तुलसी और दालचीनी मिलाकर अपने स्वादअनुसार चीनी डालकर बना सकते हैं। तुलसी अपने शक्तिशाली एडाप्टोजेनिक और एंटीऑक्सिडेंट प्रभावों के लिए प्रसिद्ध है। तुलसी की चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से कोशिकाओं को बचाते हैं, जो कई बीमारियों के विकास और प्रसार को बढ़ावा देते हैं। इसे बनाने के लिए आप अदरक, इलायची, तुलसी और दालचीनी मिलाकर अपने स्वादअनुसार चीनी डालकर बना सकते हैं।
पीएं हल्दी वाला दूध
सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार या दर्द से निजात पाने में पहला जिक्र हल्दी वाले दूध का छिड़ता है। हल्दी दूध सदियों से हर भारतीय घर का हिस्सा रहा है। विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए प्रमुखता से इसका इस्तेमाल किया जाता है। आज भी कई लोग अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन करते हैं। दरअसल हल्दी कई गुणों से भरपूर होती है। हल्दी में करक्यूमिन नाम का एक कंपाउंड होता है, जो एक पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है। ये एंटीऑक्सीडेंट बॉडी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को रोकने में हेल्प करता है। यह खांसी, जुकाम, बुखार और इनडाइजेशन सहित कई बीमारियों से आपकी सुरक्षा कर सकता है। इसलिए रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से गले की खराश में राहत मिलती है।
काली मिर्च
गले में दर्द और खराश से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च भी पीछे नहीं होती है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल गुण बंद गले को खोलने में कारगर तरीके से काम करते हैं। आप इसे कूटकर शहद के साथ भी चाट सकते हैं।
गर्म पानी से गरारे करें
यदि आप गले की खराश से परेशान हैं तो गुनगुने पानी में चुटकीभर नमक डालकर दिन में 2-3 बार गरारे करें। यह गले की सूजन और खराश को कम करने में सहायक होता है।