बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया तो जाना होगा जेल

  • स्कूल बस संचालकों व प्रबंधकों पर आरटीओ ने कसा शिकंजा
  • 593 स्कूल बसे फिटनेस जांच में फेल, कई वाहन सीज

लखनऊ। अब स्कूली बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले स्कूल बस संचालकों और प्रबंधकों की खैर नहीं। अगर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ हुआ तो इन्हें हत्या या हत्या के प्रयास में जेल जाना होगा। आरटीओ का प्रवर्तन विभाग अभियान छेड़ कर ऐसे वाहनों खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। लखनऊ के नामचीन पब्लिक स्कूल सेठ जयपुरिया और जीडी गोयनका स्कूल तक में अनफिट बसें चल रही हैं जो बच्चों के जीवन को खतरे में डाल रही हैं। मामला पकड़ में आने पर दो बस संचालकों और प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियमावली 1988 के मानकों के अनुरूप विद्यालयों को बच्चों को लाने व ले जाने वाले वाहन फिट रखने होंगे। यदि कोई स्कूल अनफिट वाहनों का इस्तेमाल करते पाया गया तो डीआईओएस और बीएसए के माध्यम से उसकी मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी। यह भी चेतावनी दी कि जिन स्कूलों ने वाहनों का पंजीकरण नहीं कराया है, वह इसे पूरा करवा लें अन्यथा किसी प्रकार का कोई हादसा होने पर उन्हें गंभीर धाराओं में जेल जाना पड़ सकता है। नामी गिरामी स्कूलों की बात करें तो मामला जीडी गोएंका स्कूल के नाम से संचालित स्कूल बस से जुड़ा है। इसमें स्कूली बस में शीशे की जगह गत्ता लगाकर बस चलाने का आरोप था। वहीं दूसरे मसले में सेठ जयपुरिया स्कूल की बस बिना पंजीयन नंबर से संचालित होते पकड़ी गई थी। एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय के मुताबिक, छह मई को दोनों स्कूल बसों को पकड़ा गया था। बस संचालकों व प्रबंधकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया। 14 जुलाई तक 190 स्कूल बसों ने फिटनेस कराई है। 17 वाहनों का चालान किया गया है और छह वाहन सीज किए गए हैं। 593 स्कूल बसों और 803 अनुबंधित वाहनों की फिटनेस फेल पाई गई थीं।

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