लखीमपुर में ग्रामीणों को भेजे जा रहे अवैध नोटिस
वरिष्ठ अधिवक्ता हैदर ने बड़े अधिकारियों को लिखा पत्र
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जनपद लखीमपुर खीरी की निघासन तहसील में सीएम योगी के अधिकारियों की काली करतूत सामने आई है। वहां के अधिकारियों के द्वारा शासकीय नीतियों के विपरीत एकपक्षीय एवं अवैध कार्यवाही की गई । यही नहीं उक्त कार्यवाही के सापेक्ष जारी नोटिसों में एक भ्रामक वाद संख्या इंगित कर ग्रामीणों का शोषण भी किया गया। इस मामले की शिकायत राजस्व परिषद के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव आईटी व इलेक्ट्रानिक्स विभाग, मंंडलायुक्त लखनऊ व डीएम लखीमपुर जैसे बड़े अधिकारियों से की गई है।
यह शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता व समाजिक मुद्दों पर मुखर रहने वाले वकील सैयद मोहम्द हैदर रिजवी ने की है। उन्होंने बताया कि आगामी लोक सभा चुनावों के पूर्व उक्त तहसील के क्षेत्रान्तर्गत आने वाले अधिकांश नागरिकों के विरुद्ध की ग्राम प्रधानों ने अधिकारियों द्वारा एकतरफा कार्यवाही की जा रही है। इन लोगों को उनके द्वारा चुनाव में प्रतिभाग करने से रोकने का प्रयास किया जा रही है। इसकी तहत उनके विरुद्ध दंड प्रक्रिया की धारा 107/116 के अंतर्गत एकपक्षीय कार्यवाही कर दी एवं उससे कोई भी विपक्षी न पा कर विधि विपरीत सरकार को विपक्षी बना दिया जबकि वास्तव में किसी भी पक्षकार के मध्य कोई मतभेद नही था। इस प्रक्रिया में यांत्रिक रूप से सैकड़ों व्यक्तियों के गौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए उनसे बंधपत्र गांग लिए।. पूरे प्रकरण का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि तहसील प्रशासन के द्वारा उपजिलाधिकारी निघासन के हस्ताक्षरों से जो नोटिस निर्गत किये जा रहे है। उनमें जो वाद संख्या उल्लिखित है जिसमें कम्प्यूटर याद संख्या भी उल्लिखित है। यह भ्रामक एवं झूठी याद संख्या है (उदाहरण के रूप में उक्त 2 नोटिसों पर पड़ी कम्प्यूटरीकृत वाद संख्या टी 200410430) एवं उक्त सम्बन्ध में कोई भी ऑनलाइन सूचना उपलब्ध नहीं है एवं उक्त बाद का कंप्यूटर नंबर जो कि अपूर्ण है। ऑनलाइन वाद संख्या की जानकारी करने हेतु कंप्यूटरीकृत वाद संख्या से खोजे वाला यूआरएल/विकल्प खोल कर उक्त यूआरल पर प्राविधानित स्थान पर डालने पर जाच करने पर डालने पर त्रुटि हुई मैसेज आता है।