दारफुर में भीषण भूस्खलन से 1000 से अधिक मौतें, पूरा गांव मिट्टी में समाया
सूडान के दारफुर क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में 1000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मार्रा पर्वतीय क्षेत्र में तेज बारिश के चलते हुए इस भूस्खलन ने एक पूरे गांव को तबाह कर दिया।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सूडान के दारफुर क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में 1000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मार्रा पर्वतीय क्षेत्र में तेज बारिश के चलते हुए इस भूस्खलन ने एक पूरे गांव को तबाह कर दिया। गांव पूरी तरह से मिट्टी में दब गया है,जिससे बचाब कार्यों में भारी कठिनाई आ रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, यह गांव मार्रा पहाड़ियों में स्थित था, जंहा लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जमीन खिसक गई।घटना इतनी भीषण थी कि कई परिवारों के पूरे-के-पूरे घर मलबे में दब गए। अब तक मलबे से सैकड़ों शव निकाले जा चुके है, और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ने की आशंका है। यहां तबाही इस कदर हुई कि पश्चिमी सूडान के मार्रा पर्वतीय क्षेत्र में पूरा का पूरा एक गांव ही नष्ट हो गया. यह दारफुर क्षेत्र में आता है. यहां केवल एक ही बच्चा जिंदा बच पाया है.
सूडान में स्थिति काफी भयानक है. अब्देलवाहिद मोहम्मद नूर के नेतृत्व वाले ग्रुप ने अपने एक बयान में जानकारी देते हुए कहा कि भारी बारिश की वजह से ये लैंडस्लाइड हुई है. 31 अगस्त को तेज बारिश आई थी, जिसके बाद ही भूस्खलन हुआ. जिसने एक गांव को पूरी तरह से ही मिटा दिया और वो मिट्टी में धंस गया. दारफुर क्षेत्र परआंदोलन/ग्रुप का कंट्रोल है. इस ग्रुप ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से मदद मांगी है. इस भूस्खलन की चपेट में आने से हजारों लोगों की मौत हो गई जिसमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
मदद की लगाई गुहार
लाशों को निकालने में सहयोग करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से अपील की गई है. सूडान में पहले से ही युद्ध चलता हुआ आ रहा है. वहां की जनता जंग से उपजे हालातों से जूझ रही है. लोगों के सामने भुखमरी को संकट खड़ा है. सूडान की आर्मी और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच गृहयुद्ध चल रहा है. इस गृहयुद्ध की वजह से दारफुर क्षेत्र पहले से ही प्रभावित है. युद्ध के नुकसान से बचने के लिए लोगों ने मार्रा पर्वत इलाकें में शरण ली हुई हैं, लेकिन वहां के हालात भी ठीक नहीं है.
आपको बता दें,कि सूडान में 2 साल से जंग जारी है. इस देश की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी की मार झेल रही है. लाखों लोग अपने घर-बार छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं. नॉर्थ दारफुर की राजधानी अल-फाशिर पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा.



