केजीएमयू में स्टैंड संचालक की गुंडागर्दी से सहमे मरीज और तीमारदार

100 से 300 रुपये का काट रहे हैं चालान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। केजीएमयू में स्टैंड संचालक गुंडागर्दी कर अमादा हैं। गरीब मरीजों का जबरन 100 से 300 रुपये का चालान काट रहे हैं। पैसे न चुकाने पर चैन से गाडिय़ां बांधकर तीमारदारों को एक से दूसरी जगह धक्के खाने को मजबूर कर रहे हैं। सोमवार को स्टैंड संचालकों ने बुजुर्ग मां का इलाज कराने आए बेटे का धक्का देकर भगा दिया।
बिना चालान जमा किए गाड़ी देने से मनाकर दिया। गर्मी से बेहाल गंभीर बुजुर्ग परेशान हो गईं। बेटा स्टैंड संचालकों के सामने गिड़गिड़ता रहा। अफसरों से फरियाद की। पर, सनुवाई नहीं हुई। कमजोरी, चक्कर समेत दूसरी समस्या लेकर सतीश कुमार अपनी मां को लेकर केजीएमयू ओपीडी पहुंचे। ओल्ड ओपीडी में चौकी के पीछे रैंप के नजदीक मोटरसाइकिल खड़ी कर दी। ताकि बुजुर्ग मां को अधिक चलना न पड़े। मेडिसिन विभाग में डॉक्टर की सलाह के बाद दोनों गाड़ी के पास आए। देखा उसकी गाड़ी समेत 40 मोटरसाइकिल चेन में जकड़ दी गईं। तपती धूप में बुजुर्ग मां को लेकर सतीश आधे घंटे खड़े रहे। मां को छांव में बिठाने के बाद सतीश स्टैंड कर्मचारी के पास पहुंचा। तो कर्मचारियों ने उससे 300 रुपये जमा करने की बात कही। संचालक ने पीली पर्ची दिखाई। उसने इतना पैसा चुका पाने में असमर्थता जाहिर की। आरोप हैं स्टैंड कर्मचारियों ने सतीश को पुलिस चौकी से दूर ले जाकर धक्का-मुक्की शुरू कर दी। कई तीमारदार बीच-बचाव में जुट गए। तीमारदारों ने कहा कि तमाम वाहन बीच सडक़ व रैंप के पास खड़े हैं। इनका चालान नहीं किया। सिर्फ कुछ मोटरसाइकिल ही बांधी।

मैं शुभम हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता

मोटरसाइकिल का ताला खुलवाने के लिए लोग प्रॉक्टर ऑफिस गए। वहां से मुख्य पीआरओ आफिस गए। दोनों जगह उनकी सुनवाई नहीं हुई। दुखी तीमारदारों ने चौकी पर भी शिकायत की। कर्मचारियों ने एक महिला पुलिसकर्मी की गाड़ी भी बांध दी थी। जिसे खोलने के लिए शुभम नाम का व्यक्ति आया। तीमारदारों ने बाकी गाडिय़ां भी खोलने के लिए कहा। शुभम ने कहा कि मैं ठेकेदार अतिन श्रीवास्तव का भांजा हूं। मेरे सिवा कोई दूसरा ताला खुलवा नहीं सकता है। अब तो 300 रुपये चालान जमा करना होगा। इसकी रसीद भी नहीं मिलेगी। देखता हूं मेरा कौन क्या बिगाड़ सकता है।

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