आयकर विभाग ने साढ़े तीन हजार लोगों को जारी किया नोटिस, पूरी कमाई की जानकारी छिपाने का शक

कानपुर। करोड़ों की आय के बाद भी कम बताने वाले या नहीं बताने वाले लोगों की पहचान आयकर विभाग ने की है। इसमें कई एनआरआई भी शामिल हैं। आयकर विभाग ने कानपुर रीजन (पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड) के 3500 लोगों को नोटिस भेजा है। शहर में इनकी संख्या 800 है। इन सभी को आय का स्रोत बताने का मौका दिया गया है। इनमें पांच लाख से लेकर 50 करोड़ की कमाई वाले हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सूचनाएं एकत्र करने के बाद आयकर निदेशालय आसूचना एवं आपराधिक अन्वेषण की ओर से आयकर की धारा 133 6 के तहत नोटिस जारी किए गए हैं। संबंधित व्यक्ति की ओर से नोटिस का जवाब नहीं भेजा जाता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयकर अफसर रिपोर्ट तैयार करेंगे और धारा 148 के तहत मामले की स्क्रूटनी की जाएगी। इस मामले में संबंधित व्यक्ति ई-वैरीफिकेशन के जरिये ऑनलाइन जवाब दाखिल करेगा। सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों को नोटिस भेजे हैं। इसमें 90 प्रतिशत लोग आय अधिक होने के बाद भी कम आयकर रिटर्न दिखा रहे हैं।
संशोधित रिटर्न और टैक्स देना को कहा गया या फाइल नहीं किया जा रहा है। उन एनआरआई को नोटिस जारी किए गए हैं, जिनके बैंक खाते यहीं पर हैं और मोटा ब्याज मिल रहा है पर आयकर रिटर्न कम का दाखिल कर रहे हैं। विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अब उन्हें संशोधित रिटर्न और टैक्स देना को कहा गया है।
दरअसल आयकर विभाग ने स्टेटमेंट आफ फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के 18 स्रोतों के जरिये जानकारी जुटाई। इसमें बैंकों, डाकघर से ब्याज की आय, नकदी जमा या निकासी, रजिस्ट्री कार्यालय से भूमि व भवन का क्रय विक्रय, म्यूचुअल फंड में जमा राशि, लाभांश, विदेशों से भेजी गई रकम, निर्यात, महंगी गाड़ी खरीदने वालों का डाटा, क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन करने वाले मामले सामने आने के बाद कार्रवाई की गई है।
बताया गया कि जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है। यदि वो अपना पक्ष रख सकते हैं या आयकर से जुड़े दस्तावेज या लेन-देन बता सकेंगे तो उन पर कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके लिए उन्हें विभाग के पोर्टल पर जाकर एआईएस वार्षिक सूचना विवरण भरना होगा और इस संबंध में दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे।
10 लाख से अधिक की कार खरीदने वाले, 30 लाख से अधिक कीमत वाली संपत्ति खरीदने वालों पर विभाग की नजर है। बताया गया कि सरकार ने नकद लेन-देन पर सख्ती की है। इसके बाद भी इन सब में बड़े पैमाने पर नकदी इस्तेमाल में आ रही है।
विभाग ने ई-वैरिफिकेशन स्कीम के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 की कार्रवाई तेज कर दी है। विभाग को अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। कानपुर रीजन में अब तक 10 करोड रुपये का संग्रह भी किया जा चुका है। संभावना है कि 3500 लोगों को नोटिस जारी करने के बाद अब यह आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा।

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