भारत ने ट्रंप की धमकी पर दिया कड़ा जवाब, कांग्रेस ने उठाए विदेश नीति पर सवाल

सरकार ने स्पष्ट रूप से अमेरिका को जवाब देते हुए कहा है कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले उसे खुद के व्यापारिक रवैये पर नजर डालनी चाहिए।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को रूस से तोल आयात पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी देने के बाद भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने स्पष्ट रूप से अमेरिका को जवाब देते हुए कहा है कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले उसे खुद के व्यापारिक रवैये पर नजर डालनी चाहिए।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर टैरिफ बढ़ाने के नाम पर धमका रहे थे, जिसका भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है और उसे आइना दिखाया कि पहले वह खुद को देखे. यूरोपियन यूनियन का रूस से 67.5 बिलियन यूरो का व्यापार है. इस बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा दिए हैं.

कांग्रेस से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘वर्षों से प्रधानमंत्री दावा करते रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके बीच विशेष संबंध हैं. यह दोस्ती बहुत महंगी साबित हुई. विदेश मंत्रालय ने अब बयान जारी किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि अमेरिका के साथ हमारे संबंध खराब हो गए हैं. आज, सीएपी यानी चीन, अमेरिका और पाकिस्तान हमारे लिए चुनौती बन गए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘एक बहुत लोकप्रिय गाना है ‘दोस्त दोस्त न रहा’. प्रधानमंत्री को भी ये गाना आता होगा. ‘दोस्त दोस्त न रहा, ट्रंप यार हमें तेरा ऐतबार न रहा’. उन्होंने ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम आयोजित किए. उन्होंने कहा “अबकी बार ट्रंप सरकार”. तस्वीरें खिंचवाई गईं. राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हमारे विदेश मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे.’

ट्रंप के सीजफायर दावे पर पीएम ने कुछ नहीं कहा
जयराम रमेश ने कहा, ‘दावा किया गया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच खास रिश्ता है कि वे पुराने दोस्त हैं… इसका नतीजा क्या निकला? टैरिफ बढ़ाने की धमकियां दी जा रही हैं. ये दोस्ती बहुत महंगी पड़ी. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. सालों से वो दावा करते आ रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके बीच खास रिश्ता है, वे गले मिलते हैं, तस्वीरें खिंचवाते हैं, बातचीत करते हैं. पहले उन्होंने (राष्ट्रपति ट्रंप) मध्यस्थता की बात की कि उन्होंने युद्धविराम करवाया. ये बात उन्होंने 32-33 बार कही. इस पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा. विदेश मंत्रालय ने अब बयान जारी किया है, लेकिन ये साफ है कि अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते बिगड़ गए हैं.’

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