जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर दी जाएगी जानकारी

लखनऊ में नेट जीरो फेलोशिप पर कार्यशाला

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। स्कूल ऑफ पॉलिसी एंड गवर्नेंस (एसपीजी) ने चार से छह अगस्त 2023 तक लखनऊमें अपने उत्तरी क्षेत्रीय समूह के लिए नेट जीरो फेलोशिप कार्यशाला शुरू की है। यह परिवर्तनकारी कार्यशाला गोवा और गुवाहाटी में क्षेत्रीय कार्यशालाओं के सफल समापन के बाद भारत में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का हल तलाश करने के लिए 100 उभरते राजनीतिक और सार्वजनिक अग्रदूतों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएगी।
एसपीजी द्वारा मार्च से दिसंबर तक भारत भर में क्षेत्रीय कार्यशालाओं की एकश्रृंखला आयोजित हो रही है। इसके माध्यम से समाज और राजनैतिक प्रतिनिधियों को जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव के साथ-साथ पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के नए तरीकों से परिचित कराया जाता है। नीति निर्माता, पर्यावरणकार्यकर्ता और युवा नेता सक्रिय रूप से कार्यशाला के दौरान चर्चाओं,ज्ञान-साझाकरण सत्रों और सहयोगी गतिविधियों में भाग लेते हैं। यह सीखने औरनेटवर्किंग के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है। एसपीजी को आईआईएम-लखनऊ के साथ संयुक्त रूप से लखनऊ में सतत विकास के लिए नेताओं को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए उत्तरी क्षेत्रीय कार्यशाला की मेजबानी करने पर गर्व है। कार्यशाला वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के लिए समाधान देने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावादेने, जलवायु कार्रवाई पर गहन चर्चा और विचार-मंथन के लिए अनुकूल वातावरणप्रदान करने का प्रयास करेगी। एसपीजी के अध्यक्ष रुचिर पंजाबी का कहना हैकि भारत ने पंचामृत के माध्यम से नेट जीरो इमिसन हासिल करने पर अपना ध्यानकेंद्रित किया है। इस फेलोशिप को उभरते नेताओं को अपने समुदायों और रास्ते में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए सशक्त बनाने और कार्बन-मुक्त दुनिया के लिए आगे बढऩे के लिए तैयार किया है।

युवा नेताओं को सकारात्मक होना होगा : कृष्णन

कार्यक्रम समन्वयक श्रीलता कृष्णन का कहना है कि एसपीजी एक समावेशी मंच को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जोकि युवा नेताओं को सकारात्मक बदलाव लाने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग सेनिपटने के लिए भारत की योजनाओं में योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है। कार्यशाला में भाग लेने वाले फैलो को जलवायु परिवर्तन और नेट जीरो पर अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं और विशेषज्ञों से रूबरू होने का मौका होगा। जलवायु चुनौतियों से निपटने में उनकी समझ और क्षमताओं को बढ़ाने देने के साथ उन्हें मार्गदर्शन, एकल समर्थन और संसाधनों के नेटवर्क से लाभ मिल सकेगा। नेट जीरो फ़ेलोशिप क्षेत्रीय कार्यशाला प्रतिभागियों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करने के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत योगदान के लिए सबसे बड़े अवसरों का मौका होगी। शैक्षणिक अभ्यास के लिए राजनेताओं के साथ जुडऩे के अनुभव पर रूचिर पंजाबी का कहना है कि उनमें से अधिकांश सीखना चाहते हैं। जब सीखने की बात आती है तो अधिकांश राजनेता असहमत होने की तुलना में अधिक चीजों पर सहमत होते हैं। हमारा उद्देश्य उन्हें चर्चा के लिए सुरक्षित स्थान देना है। जहां वे बिना किसी आलोचना के जलवायु परिवर्तन के बारे में चर्चा करें और इसके बारे में सीख सकें।

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