महिला अधिकारी के उत्पीडऩ केस में सीनियर आईएएस अफसर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई जांचे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नियुक्ति विभाग ने 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रजनीश दुबे पर लगे उत्पीडऩ के आरोप की जांच शुरू कर दी है. जांच की निगरानी के लिए विभाग की तरफ से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोनिका एस गर्ग को नियुक्त किया गया है. फिलहाल रजनीश दुबे पशुपालन विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर काम कर रहे हैं.
इससे पहले, 2021 में, रजनीश दुबे शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में काम कर रहे थे, जहां एक महिला कार्यकारी अधिकारी ने उनके खिलाफ उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज कराई थी. उस मामले में नगर विकास विभाग के एक विशेष सचिव को जांच अधिकारी नामित किया गया था. हालांकि, जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट शिकायतकर्ता ने रजनीश दुबे जैसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ उसी विभाग के एक कनिष्ठ अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच करने पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
शिकायतकर्ता की याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को एक वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी द्वारा मामले की जांच का आदेश दिया. अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जांच दो महीने की अवधि के भीतर पूरी की जाए. इसके बाद नियुक्ति विभाग ने तीन नवंबर को आदेश जारी कर मोनिका एस गर्ग को जांच के लिए नियुक्त किया. इसके अतिरिक्त, मोनिका गर्ग को 25 अक्टूबर से 1987 से 1990 बैच के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ महिला उत्पीडऩ की शिकायतों की जांच के लिए जिम्मेदार आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है.
पीडि़त महिला अधिकारी की सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद कोर्ट ने 22 सितंबर, 2023 को वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी मोनिका एस गर्ग की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाने का आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जवाब में, मोनिका एस गर्ग को कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधानों के तहत आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.