2025 के विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी को चाहिए 10 से ज्यादा सीटें, तिरहुत की हार पर भी तोड़ी चुप्पी!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: बिहार में 2025 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। चाहे वो इंडिया गठबंधन हो या NDA गठबंधन हो छोटी पार्टियों को अभी से इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं बड़े दल कम सीटों में तो नहीं निपटा देंगे। कहीं सीटों की हिस्सेदारी में बस लाॅलीपाॅप तो नहीं थमा दिया जाएगा। इसलिए छोटे दलों ने अभी से प्रेशर पाॅलिटिक्स का खेल शुरू कर दिया है। जीतन राम मांझी की पार्टी ने साफ किया है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मात्र 7 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार इससे ज्यादा सीटें चाहिए।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अनिल कुमार ने कहा कि हम लोग पिछली बार 7 सीटों पर लड़े थे जिसमें से चार सीट जीते। लोकसभा चुनाव में हमें एक हीं सीट दी गयी, हमने कोई झंझट नहीं किया। लोकसभा चुनाव में हमे जो सीट दी गयी हमने उसे एक लाख से ज्यादा वोटों से जीता। एकाध सीट और मिली होती तो वो सीट भी हमारी पार्टी जीतती। इसका मतलब है कि हमारी पार्टी का जनाधार मजबूत है। एनडीए मध्य बिहार की सीटें लोकसभा चुनाव में हारी लेकिन हमारी पार्टी जीत गयी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA एकजुट है। हम तनाव का वातावरण नहीं बनाएंगे, लेकिन हम जीतने वाली सीट मांगेगे। इस बार 7 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

तिरहुत विधानपरिषद उपचुनाव क्यों हारी जेडीयू?

जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अनिल कुमार ने कहा कि यह चुनाव वोट बनाने वाले का होता है। हो सकता है कि जेडीयू उम्मीदवार अभिषेक झा वोट बनाने में पिछड़ गये होंगे। एमएलसी का चुनाव मैंने भी लड़ा है। 2005 से चार बार विधायक बना। विधार्थी जीवन में विधानसभा का चुनाव हारा। विधान परिषद का चुनाव भी लड़ा। पैक्स चुनाव की तरह हीं एमएलसी चुनाव का मामला होता है। JDU के साथ भीतरघात के सवाल डाॅ अनिल कुमार ने कहा कि चिराग पासवान ने तो अभिषेक झा को बगल बिठाकर प्रेस काॅफ्रेंस की और उनके समर्थन का ऐलान किया। चिराग पासवान ऐसा नहीं कर सकते वे तो एनडीए के सर्वमान्य नेता हैं।

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