संसद के शीत सत्र में बदला दिखेगा नजारा खरगे और अधीर रंजन पर होगा दारोमदार
सोनिया-राहुल नहीं देंगे कांग्रेस के कामकाज में दखल
१११ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र में इस बार कांग्रेस की नई रणनीति व व्यूह रचना नजर आएगी। विपक्षी दलों से सदन की कार्रवाई को लेकर रणनीतिक मेलजोल का जिम्मा नए कांग्रेस अध्यक्ष व विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पर रहेगा।
सात दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पहली बार सोनिया और राहुल गांधी की कांग्रेस के सदन के दैनिक कामकाज व विपक्ष से समन्वय में सक्रिय भूमिका नहीं होगी। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त रहने के कारण पार्टी के फ्लोर मैनेजमेंट में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार शीत सत्र में इस बार कांग्रेस की नई रणनीति व व्यूह रचना नजर आएगी। विपक्षी दलों से सदन की कार्रवाई को लेकर रणनीतिक मेलजोल का जिम्मा नए कांग्रेस अध्यक्ष व विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे तथा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पर रहेगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल की नेता बनी रहेंगी, लेकिन वे सदन में पार्टी के दैनंदिन कामकाज में दखलंदाजी नहीं करेंगी। राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के राज्यसभा में मुख्य सचेतक जयराम रमेश व वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी शीतकालीन सत्र में अधिकांश समय सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। दोनों नेता यात्रा के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसलिए कांग्रेस को अगले माह शुरू हो रहे सत्र में फ्लोर मैनेजमेंट व अन्य विपक्षी दलों से समन्वय के लिए अन्य नेताओं की जरूरत पड़ेगी।
29 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा। यह 29 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। लोकसभा और राज्य सभा ने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं। इस दौरान अहम तारीखों का ब्योरा भी जारी कर दिया गया है।
पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाएंगे राजीव
राज्यसभा में कांग्रेस के नए नेता चुने गए राजीव शुक्ला आगामी शीत सत्र में खरगे के साथ पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाएंगे। चूंकि, शुक्ला के सभी दलों से अच्छे रिश्ते हैं, इसलिए खरगे के लिए वे बड़े मददगार बनेंगे। लोकसभा में कांग्रेस का जिम्मा अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, मनीष तिवारी और कोंडिकुनिल सुरेश पर रह सकता है।