नई पेंशन स्कीम को लेकर खड़गे का बड़ा बयान, कहा- ‘UPS में U का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न’
केंद्र सरकार ने बीते दिन सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश में एकीकृत पेंशन योजना (UPF) लागू करने का ऐलान कर दिया है...
4PM न्यूज नेटवर्क: केंद्र सरकार ने बीते दिन सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश में एकीकृत पेंशन योजना (UPF) लागू करने का ऐलान कर दिया है। वहीं इस खबर के सामने आते ही राजनीति गरमाई हुई है। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार (25 अगस्त) को सरकार के द्वारा लाए गए नए पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि UPS में ‘यू’ का मतलब मोदी सरकार का यू टर्न है! 4 जून के बाद प्रधानमंत्री की सत्ता के अहंकार पर लोगों की शक्ति हावी हो गई है।
मल्लिकार्जुन खड़गे मोदी सरकार पर बोला हमला
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन के संबंध में बजट में रोलबैक। वक्फ बिल को जेपीसी को भेजना, ब्रॉडकास्ट बिल को वापस लेना। लेटरल एंट्री को वापस लेना। उन्होंने आगे कहा कि हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और 140 करोड़ भारतीयों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे!
बताया जा रहा है कि 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए करीब 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को इस पेंशन योजना का फायदा मिलेगा। यूपीएस के तहत 25 सालों तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों के पे स्केल का 50% पेंशन के रुप में दिया जाएगा। इसके अलावा किसी कर्मचारी की मौत नौकरी के दौरान हो जाती है तो उनके परिवार को सैलरी का 60% हिस्सा पेंशन के रुप में दिया जाएगा।
- अगर कोई कर्मचारी न्यूनतम 10 साल सेवा करके रिटायर हो जाता है तो उसे 10 हजार रुपया मासिक पेंशन दिया जाएगा।
- यूपीएस में कर्मचारियों का योगदान 10 प्रतिशत और सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत रहेगा।
- अगर इस योजना को राज्य सरकारें लागू करती है तो कुल 98 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने UPS की सराहना करते हुए कहा कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में PM मोदी की ओर से एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दिए जाने पर हमारे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को बधाई। इस योजना को मंजूरी देकर मोदी सरकार ने हमारे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, जो देश के शासन की रीढ़ हैं।